Breaking

Monday, October 28, 2019

एक ऐसा गाँव यहां 400 सालों से डायन के डर से नहीं मनाई जाती है दिवाली।

दिवाली हिन्दुओ के लिए साल का सबसे बड़ा त्योहार होता है। सभी लोग इसे बड़े धूम -धाम से मनाते है।
पर क्या आपको पता है कि मणिपुर में एक ऐसा भी गांव है जहां पिछले 400 सालों से दीवाली नही मनाई जाती और न ही वहाँ के लोग इस दिन पटाखे या दिए जलाते हैं। आपको ये सुन कर थोड़ा अजीब लग रहा होगा पर ये सच है।
इस गाँव के लोगों का यह मानना है कि, कई सालों पहले इस गाँव मे एक बेहद ही सुंदर डायन रहा करती थी।उसे कला जादू आता था,उसने गांव के सबसे हट्टे कट्टे पहलवान से शादी कर रखी थी और उसने अपने अपने पति को भी पूरी तरह से वश में कर रखा था। उसके दो बच्चे हुए वह चाहती थी कि उसके दोनों बच्चे भी काला जादू सीखे इसलिए वो रोज आधी रात को अपने दोनों बच्चों को हवन के पास लिटाकर कुछ मंत्र पढ़ा करती थी। गांव वालों को इस बात की भनक लग गई और एक रात कुछ गांव वालों ने मिलकर उसके दोनों बच्चों को बोरी में कसके नदी में बहा दिया।
जब सुबह डायन को पता चला कि उसके बच्चे को मार दिया गया है तो वह बहुत ज्यादा गुस्सा हुई। उस दिन से वो रोज आधी रात को अपने पति के साथ निकलती और लोगो के घरों से बच्चों को चुराकर काला जादू करके उसमें अपने मरे हुए बच्चे की आत्मा डालने की कोशिश करती,उसका काला जादू सही से काम न करने की वजह से उन बच्चों की मृत्यु हो जाती। धीरे धीरे गांव के कई बच्चे गायब होने लगे। पर दीवाली की रात गांव वालों ने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया और उसे और उसके पति को खम्भे से बांधकर उसके पूरे शरीर में पटाखा लपेटकर उसे जला दिया। उसका शरीर तो जल चुका था पर काला जादू के कारण वह अब भी जिंदा थी।उसके बाद उसने उन सभी लोगों को मार दिया जिसने भी उसे जलाया था।
तब से लेकर वह आज तक हर दिवाली उस गाँव मे आती है और जो भी आदमी सबसे पहले पटाखे जलाता है वह उसे मार देती है। इसी कारण पिछले 400 सालों से गाँव मे दीवाली नहीं मनाई जाती। ये कहानी सच है या झूठ ये तो किसी को नही पता पर इतना समझ लो कि आप बहुत खुशनसीब हो कि आप दिवाली को अच्छे से मना पाते हो।