ग्वालियर/ आपने देश में फर्जी अफसरों की तो कई कहानी सुनी होगी। लोगों कैसे चूना लगाते हैं। लेकिन ऐसी कहानी आपने बहुत कम ही सुनी होगी कि इनकम टैक्स का अधिकारी अपने रिश्तेदार या भाई के घर छापेमारी के लिए पहुंचे हो। लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में इनकम टैक्स अधिकारी बनीं एक बहन अपने ही चचेरे भाई के ठिकाने पर छापेमारी के लिए पहुंची। बाद में जब बहन की सच्चाई सामने आई तो पूरा मोहल्ला और शहर हैरान है।
जी हां, ग्वालियर में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां चचेरे भाई को ठगने के लिए बहन ने खुद को इनकम टैक्स और चार दोस्तों को सीबीआई से बता उसकी ज्वैलरी दुकान पर छापा मार दिया। हड़काया कि जो जेवर दुकान में रखे हैं उनके बिल दिखाओ वरना जेल जाना पड़ेगा। बहन की हरकत पर चचेरा भाई सहम गया। फरेबियों ने पांच लाख रुपये में मामला रफा दफा करने का ऑफर दिया। फिर बहन पचास हजार रुपये में मान गई।
भाई ने शुरू की तहकीकात:-
तीन दिन तक इस छापे के बाद चचेरा भाई सदमे में रहा। लेकिन अपने स्तर पर पड़ताल में जुट गया कि इनकम टैक्स के किस विंग ने छापा मारा है। पतारसी में सामने आया कि न तो सीबीआई की टीम उसकी दुकान पर गई है न इनकम टैक्स विभाग की सूची में उसका नाम है तो पुलिस के पास जाकर आपबीती सुनाई। घाटीगांव जाकर पुलिस ने पांचों को पकड़ा तो पता चला कि फरेबियों ने पैसा कमाने के लिए उसे टारगेट किया।
चचेरी बहन ने की थी छापेमारी:-
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि तीन दिन पहले कमल की दुकान पर उसकी चचेरी बहन देविका सोनी लग्जरी कार से पहुंची। देवकी के साथ ममेरे भाई आदित्य सोनी उसके साथ दोस्त गुरमीत सिंह, भूपेंद्र सिंह और इस्माइल खां को लाई थी। दुकान पर पहुंच कार चालकर से कहा कि तुम बाहर इंतजार करो, हमें सर्राफा कारोबारी के यहां दबिश देना है।
इनकम टैक्स और सीबीआई की है ज्वाइंट रेड:-
दुकान में दाखिल होने के बाद देविका ने भाई से कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ग्वालियर पोस्टिंग हुई है। गुरुमीत ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कहा कि इनकम टैक्स और सीबीआई की ज्वाइंट रेड है। दुकान में जितने जेवर हैं, सबके बिल दिखाओ वरना पेनल्टी लगेगी। इनलोगों ने हिसाब-किताब लगाकर करीब 15 लाख का हर्जाना होना बताया। फिर सौदे पर उतर आए कि पांच लाख रुपये दो सारा मामला रफादफा कर देंगे।
इतने पैसे नहीं हैं:-
छापेमारी के बाद भाई बुरी तरह से डर गया था, उसने कहा कि इतने पैसे हमारे पास नहीं है। उसने कहा कि फिलहाल पचास हजार रुपये रखे हैं तो जालसाजों ने वह रकम ले ली। बाकी पैसा बाद में देने के लिए कह कर चले गए लेकिन चचेरी बहन की हरकत पर कमल को शक हो गया। बाद में चचेरे भाई कमल ने तहकीकात शुरू की तो पता चला कि देवकी दिल्ली में प्राइवेट जॉब करती है। वहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में कुछ लोगों से उसका परिचय हो गया तो उसने खुद को इनकम टैक्स का अधिकारी बताना शुरू कर दिया।
दिल्ली में जॉब करती है देवकी:-
भाई की शिकायत के बाद बहने के फर्जीवाड़ा का खुलासा हो गया। देवकी सोनी दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करती है, वह कोई इनकम टैक्स अधिकारी नहीं है। चचेरे भाई को ठगने के लिए एक महीने पहले प्लान बनाया था। अब छापेमारी की थी। वहीं, खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाला गुरुमीत टोपी बाजार में चश्मे की दुकान चलाता है। पैसे की लालच में कमल की दुकान पर सीबीआई अधिकारी बनकर पहुंचा।
एक महीने पहले बंटवाई थी मिठाई:-
कमल किशोर ने पुलिस को बताया कि मोहना में देवकी और उनका मकान पड़ोस में है। करीब एक महीने पहले देवकी के पिता दीपक उर्फ विष्णु सोनी घर पर मिठाई लेकर आए। विष्णु का कहना था कि देवकी की सरकारी नौकरी लग गई है, उसने इनकम टैक्स अधिकारी की परीक्षा पास कर ली है। जल्द ही उसकी पोस्टिंग होगी। उनकी बात पर भरोसा कर सबने मिठाई खाई थी और बधाई दी थी।