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Saturday, October 5, 2019

आपको पता है पाकिस्तान की संसद में क्यों रखी जाती है हनुमान जी की गदा..? कारण जानकर हैरान हो जाएंगे आप

भोपाल। दुनिया में ऐसी-ऐसी विचित्र बातें होती रहती हैं जिनसे इंसान को हंसी भी आती है और अजीब भी लगती है। जैसे भारतीय फिल्मों में दिखाया जाता है कि अदलात में गवाही देने से पहले गीता की कसम खिलवाई जाती है लेकिन असल जिंदगी में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। ऐसी ही कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें एक अदालत में जज के सामने गदा रखी हुई है और बताया जा रहा है कि वो अदालत हुकुमत-ए-पाकिस्तान की है। ज्यादातर अदालतों में जज के सामने इस गदा को रखा जाता है।
भारत में लोग इस बात को जानकर गदगद हैं कि हमारे बजरंगबली के गदा को पाकिस्तान में भी पूजा जाता है मगर उन्हें शायद ये नहीं मालूम कि हर दिखती बात के वही मायने नहीं होते जो हम सोचते हैं, लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान की संसद में क्यों रखी जाती है हनुमान जी की गदा..? क्या है इस झंछोल का मांजरा। 

पाकिस्तान की संसद में रखी इस हनुमान दी की गदा का सही मायने में क्या मतलब हो सकता है ? इस तस्वीर को देखने के बाद हर भारतीय के मन में ये बात तो आएगी ही तो आपको बता दें कि पाकिस्तान की संसद में हनुमान जी की गदा रखी जाती है और ये बात पूरी तरह से सच है।
हिंदू धर्म के अनुसार, इसे धारण करने के लिए क्रोध, लालच, अहंकार, वासना और किसी के प्रति लगाओ इन 5 दूसरों पर पूरी तरह से नियंत्रण करना आना चाहिए, क्योंकि प्राचीन भारत में गदा को सिर्फ एक हथियार के रूप में नहीं बल्कि आदमी संप्रभुता शासन का अधिकार और शासन करने की शक्ति का प्रतीक माना जाता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि इस समय में भी कुछ ऐसा ही है फिर भले पाकिस्तान की इस संसद में रखी इस गदा का संबंध हनुमान जी के साथ हो ना या ना हो। 

सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी लोकतांत्रिक देशों में इसी तरह की गदा विधानसभा के अंदर देखने को मिलती है। इसका रंग रूप देश के हिसाब से अलग-अलग होती है। खासकर ब्रिटेन के अधीन रह चुके कॉमनवेल्थ राष्ट्रों के सदन में सभापति के आदे इस गदे को रखा जाता है। इसका मतलब ये होता है कि इंसान क्रोध, लालच, अहंकार, वासना और किसी के प्रति लगाओ और उसके पास शासन का अधिकार करने की शक्ति रखता है।

आजादी के पहले हमारे भारत की भी संसद में ऐसी एक गदा रखी जाती थी लेकिन आजादी के बाद इस गदे को हटा दी गई मगर आज भी देश के कुछ विधानसभाओं में इस गदे को रखा जाता है इससे सभा का स्वरूप कुछ अलग-अलग सी लगती है।हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ उनकी सवारी और अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना भी धर्म-कर्म के हिस्से में ही आने वाला काम होता है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी को श्रीराम के बाद अगर कोई चीज प्यारी थी तो वो उनका गदा था जिसे वे हमेशा अपने साथ रखते थे।