नई दिल्ली. भारत में अधिकतर स्टूडेंट्स को इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई करने के लिए किसी दूसरे शहर में जाना पड़ता है. नए शहर में पढ़ाई के लिए जाने पर सबसे बड़ी बात चिंता रहने की जगह को लेकर होती है. अब स्टूडेंट्स की इन्हीं जरूरतों को पूरा करता है एक खास स्टार्टअप है। स्टैंजा लिविंग नाम का यह स्टार्टअप पॉकेट फ्रेंडली कीमत पर ऐसे स्टूडेंट्स को हॉस्टल स्पेस मुहैया कराता है.
आसान हुआ स्टूडेंट्स के लिए जगह तलाशना:-
कई स्टूडेंट्स की तरह ही साक्षी भी पटना में अपना घर छोड़ दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन के लिए आईं. लेकिन, उनके लिए रहने का बेहतर जगह तलाशना उतना ही कठिन रहा, जितना की यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना. साक्षी की इस परेशानी को स्टैंजा लिविंग ने दूर किया.
मात्र 5 हजार रुपये में मिलती हैं कई बड़ी सुविधाएं:-
एजुकेशन हब बन चुके शहरों में स्टूडेंट हाउसिंग की मांग में बीते कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. इसी सेग्मेंट में ग्रोथ के मौके को देखते हुए अनिंद्य दत्ता और संदीप डालमिया ने साल 2017 में स्टैंजा लिविंग की शुरुआत की. स्टैंजा लिविंग के जरिए कोई भी स्टूडेंट ऐप या वेबसाइट के जरिए आसानी से हॉस्टल ढूंढ सकते हैं. इसमें उनके पास अपने हिसाब से रूम टाइप और सर्विस चुन सकते हैं. इसमें उनके पास खाना भी चुनने का विकल्प मिलता है. इस स्टॉर्टअप के जरिए ये सारी सुविधाएं मात्र 5 हजार रुपये प्रति महीने पर स्टूडेंट्स को मिल जाती है. स्टैंजा लिविंग ने इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि रहने की ये सुविधा स्टूडेंट्स को किफायती दाम में मिले.
10 से अधिक शहरों में पहुंचने की तैयारी:-
मौजूदा समय में स्टैंजा लिविंग देश के 10 शहरों में अपनी मैजूदगी दर्ज करा चुका है, जहां स्टूडेंट्स के पास 30 हजार बेड ऑफर किए जा रहे हैं. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनी का कुल रेवेन्यू 20 करोड़ रुपये से अधिक रहा था. स्टूडेंट्स के लिए इस खास बिजनेस मॉडल की सबसे बेहतर बात ये है कि शुरुआत से ही निवेशकों ने इसपर भरोसा दिखाया है. इस स्टार्टअप को अब भी निवेशकों से फंडिंग जारी है. 10 शहरों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद स्टैंज लिविंग देश के अन्य शहरों में पहुंचने की बात कर रहा है.