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Monday, October 21, 2019

X-RAY:- आवेदक को फसाने या थाना प्रभारी को हटाने का षड्यंत्र..? दिनारा पुलिस पर 2 लाख की रिश्वत मांगने का मामला

शिवपुरी/दिनारा:- अभी हाल ही में दिनारा थाने पर पदस्थ हुए नवागंतुक थाना प्रभारी ने पूरी तरह से दिनारा थाना क्षेत्र का भ्रमण भी नही किया होगा कि उससे पहले ही उनपर 2 लाख की रिश्वत लेने का आरोप लग गया। यह मामला जितना सीधा नजर आ रहा है उतना सीधा नही लगता। क्योंकि अपनी फरियाद लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सिंह के पास पहुचे रूपेंद्र यादव द्वारा दिये गए आवेदन और मीडिया को दिए गए स्टेटमेंट पर यदि गौर किया जाए तो इनमें से निकल कर जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक लगता है कि किसी की शह पर थाना प्रभारी पर या तो भय के कारण या दबाब बनाने या हटाने के षड्यंत्र के तहत उक्त शिकायत किया जाना प्रतीत होती है। सबसे पहले "भय" भाई जब फरियादी खुद सामने आकर नाम ले रहा है तो स्वाभाविक है कि कोई भी हो डर जाएगा और डर के कारण अपने बचाव के लिये उक्त शिकायत कर सकता है। लेकिन यहां तक 2 लाख की रिस्वत की डिमांड की बात है तो वो यहीं खत्म हो जाती है क्योंकि फरियादी के आरोप लगाने के बाद उसके समक्ष कोई कैसे रुपयों की मांग कर सकता है यह तो तब संभव है जब निकाल की कोई गुंजाइश हो प्रथम दृष्टया ही रिश्वत की मांग झूठी लग रही है.... दूसरा "दबाब" नवीन थाना प्रभारी अभी किसी के संपर्क में  शायद ही आये हो और पूर्व की इनकी तेज तर्रार कार्यशैली भी जग जाहिर है जिसके चलते भय के संगम के तहत आवेदनकर्ता को लगा होगा कि अब तो केस दर्ज हो सकता है तो अपने बचाव में हो सकता है आरोप-प्रत्यारोप लगा दबाब बनाने का प्रयास किया जा रहा हो.... तीसरा ओर सबसे अहम "हटाने का षड्यंत्र" विदित हो कि हाइवे पर होने के चलते दिनारा थाने पर हर कोई थाना प्रभारी बनना चाहता है। ओर अभी हाल में हुए परिवर्तन को लोग पचा नही पा रहे हो। पूर्व में पदस्थ थाना प्रभारी का क्षेत्र की जनता से जुड़ाव हो गया था तो हो सकता है। इनको हटा किसी ओर की पदस्थापना यहां कराने का षड्यंत्र हो.... अब आगे आरोप है कि थाना प्रभारी ने 10 बजे से 1:30 बजे तक बिठाकर रखा और धमकाते रहे 2 लाख की मांग करते रहे। गालियां देते रहे। जब मैने कहा कि मुझे भूख लग रही है और घर से फोन आ रहे है तब मुझे छोड़ा। यही इस बात में झूठ का तड़का लगा महसूस हो गया क्योंकि जब पुलिस इतनी ही नाराज थी तो मोबाइल तो पहले ही जप्त कर लिया जाता है फिर इनका मोबाइल इनके पास कैसे रहा यह तथ्य भी षड्यंत्र की तरफ इशारा करता है..... और वैसे भी आवेदनकर्ता खुद को कांग्रेस का जिले का पदाधिकारी बता रहा है। तो भईया सत्ता दल के कार्यकर्ता तो पुलिस संभाल नही पा रही पदाधिकारियों से 2 लाख रिश्वत की मांग तो हजम ही नही हो रही...... खेर जो भी हो लेकिन अपने राम की समझ में आवेदन ओर वीडियो के एक्सरे के बाद जो विचार आया सो लिख दिया।