रायसेन। एक ऐसा हवस का पुजारी जो अपने आपको इच्छाधारी नाग बता कर युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर दुष्कर्म करता था। जो युवती इसके झांसे में नही आती उसका अपहरण करता और उसके घर परिजनों को कहता की इच्छा धरि नाग हूं और तुम्हारी लड़की नागिन है हमारी शादी जरूरी है। लोगों को झांसे में लेकर अपहरण और बलात्कार करने वाले एक आरोपी को उमरावगंज पुलिस ने पकड़ा है। जो अपने आप को पूर्व जन्म का इच्छाधारी नाग बताता है जी हां यह कोई फ़िल्म की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। ऐसा मामला रायसेन जिले के उमरावगंज थाने में देखने को मिला है। थाना प्रभारी शाहनवाज खान का कहना है की आरोपी संतोष नामदेव अपने आपको इच्छाधारी नाग बता कर 3 युवतियों के अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म किया। जिसकी पुलिस को तलाश थी। जिसे अब उमरावगंज पुलिस ने धार दबोचा है। पुलिस की माने तो आरोपी यह कहानी इसलिए गढ़ता था क्योंकि वह युवतियों को बहला फुसला सके और बहला-फुसलाकर उनके साथ दुराचार और दुष्कर्म कर सके । यह कहानी बता कर उसने 2013 से लेकर अब तक तीन युवतियों को अपने झूठी कहानी में फंसा कर दुष्कर्म भी किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पोक्सो एक्ट और अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया जिसके बाद उसे रायसेन जेल भेज दिया गया है।
कब से कर रहा था अपहरण:-
2013 से 2019 तक एक जैसी घटनाओं में मामला दर्ज हैं , रायसेन,विदिशा,और उमरावगंज मै अपहरण ,दुष्कर्म पास्को एक्ट के मामले दर्ज थे।आरोपी का नाम संतोष नामदेव हैं लेकिन सघन अपराध करता रहा लेकिन नही मिला संतोष।
यह है पूरी कहानी:-
रायसेन जिले के उमरावगंज थाने के खुखरिया गांव में एक नाबालिग लड़की का अपहरण 4 मई 2019 को हो गया था। लड़की के पिता ने थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। जब पुलिस ने प्रयास कर विदिशा के हरीपुरा निवासी आरोपी संतोष नामदेव (25) काे गिरफ्तार कर लिया। अपहरण के बाद आरोपी ने पीड़िता के पिता को फोन पर बताया कि आरोपी और पीड़िता पिछले जन्म में इच्छाधारी नाग-नागिन रहे हैं। इसलिए भगवान ने सपने मेें कहा कि दोनों की शादी जरूरी है।उसके खिलाफ कोतवाली थाना विदिशा, कोतवाली थाना रायसेन और उमरावगंज थाने में अपहरण, दुष्कर्म और पाॅक्सो एक्ट के अलग-अलग तीन मामले दर्ज किए गए हैं। उमरावगंज थाना प्रभारी शहनवाज खान के मुताबिक आरोपी संतोष ने नाबालिग किशोरी के मामा की पत्नी को बहन बनाया हुआ था। इससे लखन के साथ संतोष नामदेव का पीड़िता के घर आना जाता होता था। आरोपी संतोष खुद को भगवान भोलेनाथ भक्त बताता था। उसने अपने गले और हाथ पर नाग का टेटू भी बनवाया हुआ था। आरोपी संतोष नामदेव एक दिन अकेला ही उमरावगंज थाने के खुखरिया गांव पहुंचा। जान-पहचान का फायदा उठाकर नाबालिग लड़की के पिता से बोला की किशोरी (नाबालिग लड़की) को लेकर वह उसके मामा के यहां जा रहा है। एक टेकरी और होशंगाबाद पूजा करने के बाद वापस आ जाएगा। उसके बाद संतोष पीड़िता को अपने साथ लेकर चला गया।
कैसे हुआ खुलासा:-
किशोरी के पिता ने जब मामा काे फोन लगाकर पूछा तो पता चला कि वहां संतोष नामदेव पहुंचा ही नहीं है। इसके बाद पीड़िता के पिता ने आरोपी संताेष नामदेव काे फोन लगाया तो वह बोला की आरोपी और नाबालिग किशोरी पहले इच्छाधारी नाग और नागिन थे। इसलिए भगवान ने उसे सपने में कहा कि दोनों की शादी जरूरी है। यह कहते हुए संतोष ने अपना फोन बंद कर लिया। इसके बाद पीड़िता के पिता ने उमरावगंज थाने में बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस को पता चला की आरोपी हरिपुरा विदिशा में रह रहा है। उसके बाद पुलिस ने 19 नवंबर को वहां पहुंचकर आरोपी संतोष को गिरफ्तार कर लिया और पीड़िता को उसके पिता के पास भिजवा दिया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि संतोष नामदेव ने उसे बासौदा, विदिशा की राजपूत कॉलोनी सहित कई जगह रखा और वहां दुष्कर्म करता रहा। आरोपी संतोष नामदेव एक जैसी तीन घटनाएं कर चुका है वर्ष 2013 रायसेन कोतवाली थाने में अपहरण, दुष्कर्म और पास्को एक्ट का मामला दर्ज हुआ। वर्ष 2016 में विदिशा कोतवाली थाने में अपहरण, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज हुआ। ओर आरोपी गिरफ्तार कर लिया।