प्रयागराज/(उत्तर प्रदेश)। के प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े के महंत आशीष गिरी ने अखाड़े के अंदर ही अपने कमरे में गोली मारकर आत्महत्या कर ली. आशीष गिरी की आत्महत्या की खबर सुनकर अखाड़े के साधु-संत समेत प्रशासनिक अमला भी सकते में है. मामले की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस के साथ एसएसपी और डीआईजी भी तुरंत मौके पर पहुंच गए. वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी भी मौके पर पहुंच गए.
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. बताया जाता है कि अपनी बीमारी की वजह से महंत आशीष गिरी बेहद परेशान रहते थे. रविवार की सुबह उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, महंत आशीष गिरी लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे. बताया जाता है कि इस वजह से वह बेहद परेशान रहते थे. पुलिस का मानना है कि इसी वजह से उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल मौके पर पहुंचे पुलिस और फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
महंत आशीष गिरी के आत्महत्या की खबर के बाद संतों में शोक की लहर दौड़ गई है. बता दें कि महंत आशीष गिरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य भी हैं. साथ ही साथ महंत आशीष गिरी निरंजनी अखाड़े के सचिव भी थे.
पूरा मामला निरंजनी अखाड़े के महंत से जुड़ा होने के कारण प्रशासनिक अमले के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे गए हैं. हर कोई महंत की आत्महत्या की खबर से हतप्रभ है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, 'यह बेहद दुख की घड़ी है. आशीष गिरी बेहद सरल स्वभाव के थे, लेकिन पिछले काफी समय से वह लीवर की बीमारी से पीड़ित होने के कारण परेशान रहते थे. उनकी आत्महत्या से संत समाज को गहरा दुख हुआ है.