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Tuesday, November 26, 2019

Breaking:- अजीत पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस का भी इस्तीफा, कहा - हमारे पास बहुमत नहीं

महाराष्ट्र। में जारी सियासी घमासान के बीच बड़ी खबर है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर इसकी जानकारी दी है। इसके पूर्व अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणवीस को सौंप दिया था। बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस भी प्रेस कांफ्रेंस लेकर मीडिया को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा शिवसेना गठबंधन को जनता ने खुलकर मतदान किया। गठबंधन को पूर्ण जनादेश मिला था। भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी भी बनाया। हमने शिवसेना के साथ ही चुनाव लड़ा, लेकिन हमारा स्ट्राइक रेट शिवसेना से ज्यादा था।
जनादेश गठबंधन को था लेकिन भाजपा को ज्यादा था। हमने सरकार बनाने का फैसला किया लेकिन जो बात तय ही नहीं हुई थी शिवसेना उस पर अड़ी हुई थी। अमित शाह ने हमारे बीच में स्पष्ट तौर पर चुनाव के पहले, चुनाव के बाद हर जगह उन्होंने कहा कि जो तय नहीं हुआ था उसे हम पर लाद दिया गया कि यह ही तय हुआ है।
जब भाजपा को यह धमकी मिली तब बीजेपी ने तय किया कि जो समझौता नहीं हुआ वह नहीं दिया जाएगा। लेकिन हमसे चर्चा करने के बजाय शिवसेना एनसीपी से बात कर रहे थे। हमने सुना था कि जो मातोश्री से बाहर नहीं जाते वे उससे बाहर निकलकर चर्चाएं कर रहे थे। ऐसे में जब मुद्दत खत्म होने पर गर्वनर ने हमे सरकार बनाने मुलाया था, हमारे पास नंबर ना होने पर हमने मना कर दिया था।
फडणवीस ने शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस पर भी निशाना साधाा और कहा कि तीन पहियों की गठबंधन सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। शिवसेना का एजेंडा सिर्फ सत्ता हासिल करना है। हालांकि हम भी मजबूत विपक्ष का काम करेंगे।
शिवसेना ने पहले दिन से ही बारगेनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने कहना शुरू कर दिया था कि जहां हमें सीएम पद मिलेगा वहां हम जाएंगे। भाजपा के नेताओं ने कभी भी शिवसेना को ढाई साल के मुख्यमंत्री का वादा नहीं किया गया था। लेकिन इस दावे पर अड़कर शिवसेना ने हमसे बात करने के बजाय कांग्रेस और एनसीपी से बात शुरू कर दी थी। इसके बाद राज्य में जो कुछ भी हुआ वह हम सबने देखा है।
फडणवीस ने कहा कि हम राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना खुद को हिंदुत्ववादी पार्टी कहती है, लेकिन उनका हिंदुत्व फिलहाल सोनिया गांधी के चरणों में नतमस्तक है।