नई दिल्ली। बच्चों की अश्लील तस्वीरें व वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया व इंटरनेट पर फैलाने वालों की अब खैर नहीं होगी। ऐसे आरोपियों पर नजर रखने के लिए सीबीआइ ने विशेष इकाई बनाई है। इस इकाई का काम इंटरनेट समेत सभी सोशल नेटर्किग प्लेटफार्म पर नजर रखने का होगा।
जो भी बच्चों की अश्लील तस्वीरें या वीडियो अपलोड या डाउनलोड करेगा, उसके खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोस्को) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी पोर्न सामग्री की शिकायत बढ़ती जा रही थी। इसके साथ ही फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स और व्हाट्सएप व टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग एप पर भी बड़ी संख्या में बच्चों से जुड़ी पोर्न सामग्री के आदान-प्रदान किये जाने की भी शिकायत मिल रही थी। इसीलिए इनपर नजर रखने और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष इकाई का गठन किया गया है।
सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेष अपराध जांच शाखा के अंतर्गत आने वाली यह नई इकाई न केवल उन लोगों से संबंधित जानकारी एकत्र करेगी, जो इंटरनेट पर ऐसी सामग्री बना रहे हैं और प्रसारित कर रहे हैं, बल्कि उन लोगों की भी जानकारियां एकत्र करेगी, जो ऐसी सामग्रियों को इंटरनेट पर ब्राउज और डाउनलोड कर रहे हैं।
जाहिर है बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री पर रोकथाम के लिए एजेंसी का एक अग्रिम कदम है। इसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीबीआइ को किसी की शिकायत का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वह खुद ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकेगी।