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Friday, November 22, 2019

दिसंबर से पहले यहां पर मुफ्त में मिलेगा FASTags, देर की तो देना होगा दोगुना टोल

नई दिल्ली। यदि आप पहली दिसंबर तक एनएचएआइ (NHAI) के प्वाइंट ऑफ सेल से फास्टैग (FASTags) खरीदेंगे तो ये आपको मुफ्त में मिलेगा। आपसे इसका मूल्य और डेढ़ सौ रुपये की सिक्यूरिटी नहीं ली जाएगी। आपको केवल फास्टैग को रिचार्ज कराना होगा, ताकि जब आप किसी नेशनल हाईवे पर निकलें तो आपका टोल बिना कैश के इलेक्ट्रानिक तरीके से अदा हो जाए और आप बेरोकटोक आगे बढ़ जाएं।
लेकिन यदि आपने पहली दिसंबर तक फास्टैग खरीदकर अपने वाहन में नहीं लगाया और बिना इसके इलेक्ट्रानिक लेन में प्रवेश कर गए तो आपको कैश के तौर पर दोगुना टोल देना पड़ेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संवाददाताओं को बताया कि 1 दिसंबर से फिलहाल पूरे देश के राष्ट्रीय राजमार्गो पर फास्टैग को अनिवार्य किया जा रहा है। अभी तक एनएच के 537 टोल प्लाजाओं में से 520 प्लाजाओं पर फास्टैग लायक इलेक्ट्रानिक टोलिंग के इंतजाम किए जा चुके हैं। मैन्युअल टोल कलेक्शन वाले 17 टोल प्लाजाओं में भी शीघ्र ही इलेक्ट्रानिक टोलिंग के साथ फास्टैग स्वीकार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यूपी में 13 टोल प्लाजाओं पर फास्टैग की सुविधा:-
नेशनल इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) प्रोग्राम के तहत शीघ्र ही प्रादेशिक राजमार्गो अथवा स्टेट हाइवे पर भी फास्टैग की स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए एनएचएआइ विभिन्न राज्य सरकारों के साथ अनुबंध कर रहा है। अभी तक उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र समेत आठ राज्यों के साथ अनुबंध किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में स्टेट हाईवे से संबंधित 13 टोल प्लाजाओं पर फास्टैग स्वीकार किए जाने लगे हैं।
90 फीसद वाहनों में लगे फास्टैग:-
पूरे देश में 2014 से अब तक 66 लाख फास्टैग की बिक्री हो चुकी है। ट्रांसपोर्ट वाहनों में 90 फीसद वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं। नवनिर्मित वाहनों में 2017 से फास्टैग लगकर आ रहा है। केवल कारों, दुपहिया और तिपहिया सवारी वाहनों में फास्टैग अपनाए जाने की रफ्तार सुस्त है। पहली दिसंबर से कैश में टोल अदा करने के लिए केवल एक लेन होगी। उसमें भी दोगुना टोल देना पडे़गा।
रिंग रोड्स पर राज्यों के साथ बैठक शीघ्र:-
गडकरी ने कहा कि महानगरों को जाम और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए रिंग रोड बनाने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों से पचास फीसद खर्च स्वयं वहन करने को कहा था। लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए हमने उन्हें दूसरे तरीकों से सहयोग करने को कहा है। जैसे कि मुफ्त जमीन और टैक्स में छूट देकर अथवा मौरम, गिट्टी, रेत के खनन पर छूट देकर।
एनएचएआइ की माली हालत ठीक:-
गडकरी ने फिर कहा कि एनएचएआइ की वित्तीय स्थिति एकदम दुरुस्त है। अगले दो-तीन साल में उसे सालाना 30 हजार करोड़ का टोल हासिल होने लगेगा। हमारा इरादा एनएचएआइ की आमदनी को बढ़ाकर सालाना एक लाख करोड़ रुपये करने का है। बुधवार को कैबिनेट ने टीओटी मॉडल के तहत बन चुके राजमार्गो के मौद्रीकरण के नियमों में ढील देकर एक से दो साल पहले बन चुकी सड़कों के भी मौद्रीकरण की इजाजत दे दी है। टीओटी के पहले आफर में 10 हजार करोड़ प्राप्त हुए थे। दूसरा ऑफर विफल रहा। किंतु तीसरा आफर 511 करोड़ रुपये में बिका और 13 करोड़ का फायदा हुआ है। टीओटी को देशी कंपनियों के लिए आकर्षक बनाने के लिए परियोजनाओं को छोटे टुकड़ों में बांट कर अवार्ड करने का निर्णय लिया गया है।