भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिशु गृहों (Children Home) में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. शिशुओं का यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) हो रहा है. यह चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में रीवा की निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) (Nivedita Welfare Committee) से गोद लिए गए बच्चों की अमेरिका (USA) में काउंसिलिंग के दौरान हुआ है. वहां मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी भारत सरकार को दी गई. जिसके बाद निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) का लाइसेंस निरस्त (रद्द) कर दिया गया है और सभी बच्चों को सतना के मातृ छाया में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.
रीवा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने एक टीम गठित की है जिसने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. बता दें कि शिशु गृह में छह साल तक के बच्चों को रखा जाता है और वहीं से लोग उन्हें गोद (Adopt) लेते हैं.
अमेरिकी दंपति ने चार बच्चों को पिछले माह लिया था गोद:-
रीवा स्थित आंचल शिशु गृह निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से बीते माह चार बच्चों को अमेरिकी नागरिक क्लिंटन और अमाडा ने गोद लिया था. अमेरिका पहुंचे दंपति ने वहां के कानून के मुताबिक पोस्ट रिप्लेसमेंट रिपोर्टिंग के लिए बच्चों को पहले चिल्ड्रन होम एजेंसी में स्थानांतरित (ट्रांसफर) किया. यहां के काउंसलर्स ने जब बच्चों की काउंसिलिंग की तो वो यह जानकर चौंक गए कि शिशु गृह में उनका यौन उत्पीड़न किया गया है. काउंसलर ने इसकी जानकारी बच्चों के अभिभावकों को देने के साथ ही भारत सरकार की संस्था कारा को दी.
मध्यप्रदेश सरकार से जानकारी साझा की:-
भारत सरकार को अमेरिका की सरकार द्वारा बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न होने की जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में इसकी जानकारी मध्य प्रदेश सरकार से साझा की गई.
जानकारी मिलने पर महिला बाल विकास संचालनालय ने मामले की गंभीरता से रीवा के कलेक्टर को अवगत कराया. जिसके बाद इसकी जांच के लिए रीवा पुलिस ने एक टीम गठित की जो अब मामले की जांच कर रही है.