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Friday, November 1, 2019

मुरैना के महापौर समेत दो को विशेष अदालत ने सुनाई छह माह की सजा, IAS अधिकारी ने किया था मानहानि का दावा

भोपाल. राजधानी की एक विशेष अदालत ने सीनियर आईएएस ऑफिसर आरएस जुलानिया की मानहानि के मामले में मुरैना के महापौर व पूर्व सांसद अशोक अर्गल और जयकिशन शर्मा को दोषी ठहराते हुए छह महीने की जेल की सजा सुनाई है। गुरूवार को राजधानी की सांसद और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिये गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने यह फैसला सुनाया। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए महापौर अर्गल ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा।
मामले के अनुसार 19 अगस्त 1997 को दैनिक स्वदेश समाचार पत्र में मुरैना के तत्कालीन कलेक्टर आरएस जुलानिया के खिलाफ एक समाचार प्रकाशित कर लिखा गया था कि मुरैना के कलेक्टर जुलानिया के प्रत्येक कार्य में रिश्वतखोरी की बू आ रही है।
भ्रष्टाचार करने वाले सीएमओ कोरी से राधेश्याम जुलानिया ने दिल्ली में पांच लाख रुपए रिश्वत की रकम ली है। नगर पालिका में 80 लाख रुपए का गोलमाल किया है। हिटलर के वंशज जुलानिया मुरैना की जनता को प्रताड़ित कर रहे हैं। सांसद निधि से बनने वाले रपटे में भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
राधेश्याम जुलानिया ने इस समाचार को लेकर स्वदेश समाचार पत्र के संपादक और रिपोर्टर सहित मुरैना के तत्कालीन सांसद अशोक अर्गल के खिलाफ मानहानि और अपराधिक षडयंत्र किए जाने का परिवाद मुरैना की अदालत में दायर किया था। मामला मुरैना से राजधानी की सांसद और विधायकों के मामलों की विशेष अदालत में स्थानांतरित होकर आया था। मामले की सुनवाई के दौरान दो आरोपियों शंकर विनायक बेलापुरकर और माणिकचंद वाजपेयी की मृत्यु हो गई।