नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज़ (MSME) के लिए ब्याज छूट योजना के दिशानिर्देश में बदलाव को मंजूरी दे दी है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बदलाव के बाद कम रेट पर लोन मिलने की वजह से इस सेक्टर की प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को अधिक कर्ज़ देने के लिए प्रतिबद्ध है. योजना पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है, ताकि एमएसएमई दो फीसदी ब्याज छूट के साथ एक करोड़ रुपये का इन्क्रीमेंटल कर्ज ले सकें.
एमएसएमई सेक्टर को गति मिलेगी:-
बदलाव के तहत इंटरनल या कनकरेंट ऑडिटर के प्रमाणपत्र के आधार पर और स्टैट्यूटरी ऑडिटर के प्रमाणपत्र जमा करने पर 30 जून तक एक बार दावे का निपटारा होगा. एक सरकारी बयान में कहा गया कि दिशानिर्देश में बदलाव करने से एमएसएमई सेक्टर को गति मिलेगी. एमएसएमई के लिए ब्याज छूट योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2018 में शुरू की थी.
बदलाव के तहत इंटरनल या कनकरेंट ऑडिटर के प्रमाणपत्र के आधार पर और स्टैट्यूटरी ऑडिटर के प्रमाणपत्र जमा करने पर 30 जून तक एक बार दावे का निपटारा होगा. एक सरकारी बयान में कहा गया कि दिशानिर्देश में बदलाव करने से एमएसएमई सेक्टर को गति मिलेगी. एमएसएमई के लिए ब्याज छूट योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2018 में शुरू की थी.
हुए ये बदलाव:-
संशोधित योजना में जीएसटी के योग्य इकाइयों को उद्योग आधार नंबर (यूएएन) की जरूरत से मुक्त कर दिया गया है. साथ ही कारोबारी साल 2018-19 की दूसरी छमाही के लिए दावा जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया गया है. ताजा बदलाव के तहत उद्योग आधार नंबर के बिना की जा रही कारोबारी गतिविधियां भी येाजना के दायरे में आएंगी.