भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव-2018 में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस सरकार बनी। लेकिन सरकार बनने के साथ ही कहा गया कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार कमजोर है। कांग्रेस के कई विधायकों के नाराजगी की खबरें आईं तो कई विधायकों ने केन्द्र सरकार के फैसले की तारीफ करके पार्टी की चिंता बढ़ा दी। जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को भाजपा से ज्यादा अपनों से खतरा है। कांग्रेस के कई विधायक हैं जो अपनी ही सरकार से नाराज हैं और पार्टी के खिलाफ हमला बोल चुके हैं।
लक्ष्मण सिंह:-
कमलनाथ सरकार के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई। दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं। लेकिन वो लगातार अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। कमल नाथ सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं। हाल ही में कमलनाथ सरकार के एक साल पूर होने पर लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि जो मंत्री यह कह रहे हैं कि एक साल बेमिसाल उनका जमीन पर जाकर अपने कामों की हकीकत देखनी चाहिए। मंत्री के कहने से कुछ नहीं होगा जनता को कहना चाहिए।
CDS की नियुक्ति पर केन्द्र की तारीफ:/
लक्ष्मण सिंह ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था- जनरल बिपिन रावत को CDS बनाना एक अच्छा निर्णय है। सेनाओं में तालमेल अच्छा होगा। अब हमारे देश में सशक्त सेना के साथ, सशक्त संविधान है। साम्प्रदायिक और "घटिया" राजनीति करने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है। वहीं, नागरिकता संशोधन कानून पर दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा था- नागरिकता कानून की राजनीति बंद करो। अब तो मुसलमान भी कह रहे हैं कि बंद करो। वो कह रहे हैं कि हमारे रोजगार की व्यवस्था करो। रस्सी को ज्यादा खींचने से वो टूट जाती है।
कमलनाथ माफी मांगे:-
लक्ष्मण सिंह कमलनाथ के साथ-साथ अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह के लिए भी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग को लेकर लक्ष्मण सिंह दिग्विजय सिंह के बंगले पर धरना दे चुके हैं। वहीं, एमपी पीएससी में पूछे गए विवादित सवाल पर उन्होंने कहा था- भील समाज पर प्रदेश शासन के प्रकाशन पर अशोभनीय टिप्पणी से आहत हूं। अधिकारी को तो सजा मिलना ही चाहिए परन्तु मुख्यमंत्री को भी सदन में खेद व्यक्त करना चाहिए। आखिर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इससे अच्छा संदेश जाएगा।
हरदीप सिंह डंग:-
मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट से विधायक हरदीप सिंह डंग भी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था। हरदीप सिंह डंग ने कहा था- एनआरसी और सीएए दोनों अलग-अलग हैं। लेकिन इसे एक करके प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों को अलग-अलग देखने की जरूरत है। अगर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से कोई इंसान दुखी होकर आता है और उसे हमारे देश में सुविधा मिलती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
हरदीप सिंह डंग हाल ही में सरकार से मंत्रालय की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मेरे क्षेत्र की जनता चाहती है कि मंत्रिमंडल में यहां सुवासरा विधानसभा को भी मौका मिले। वहीं, उनके कांग्रेस से इस्तीफा देने की भी खबरें आईं थी हालांकि बाद में उन्होंने इन खबरों का खंडन किया था।
समर्थन कर रहे विधायक:-
बसपा के 2, सपा के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है। समर्थन देने वाले एक निर्दलीय विधायक को कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। बाकि विधायक भी सरकार के खिलाफ हमला बोला चुके हैं। वहीं, समय-समय पर वो मंत्रालय की मांग कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी नाराजगी की खबरें हैं। वहीं, जयस संयोजक आदिवासी के मुद्दों को लेकर अपनी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। वनमंत्री उमंग सिंघार भी दिग्विजय के खिलाफ हमलावर हैं। सतना से विधायक डब्बू कुशवाहा लोकसभा चुनाव के समय से पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं।
क्या कहना है जानकारों का?
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रदेश में एक साल पूरे कर चुकी है। आने वाले समय में सरकार को भाजपा से ज्यादा अपनी ही पार्टी के नाराज विधायकों से खतरा है।