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Wednesday, January 15, 2020

पत्नी का आरोप पति नामर्द, जेठ कहता है लिपस्टिक में अच्छी लगती हो, ससुर बिछाते हैं बेडशीट

पटना. शादी के मंडप में बैठी किसी दुल्हन को जब उसके पति के नामर्द (Impotent) होने का पता चले तब उस पर क्या बीतेगी? अक्सर रील लाइफ (Reel Life) में देखी जानेवली ऐसी कहानी रीयल लाइफ (Real Life) में तब सामने आई जब बिहार (Bihar) के बक्सर (Buxar) की रहने वाली एक महिला अपने पति की नामर्दगी का इलाज करवाने की गुहार लेकर महिला आयोग (Bihar Women Commission) पहुंची. बक्सर की रहनेवाली पीड़िता की मानें तो 11 मई, 2018 को उसकी शादी हाजीपुर के रहनेवाले युवक से तय हुई थी. बड़े ही धूमधाम से बारात हाजीपुर से बक्सर पहुंची, लेकिन शादी के मंडप में पीड़िता को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पति ने खुद के शारीरिक रूप से संबंध कायम करने में असमर्थता जताने की बात कह दी. पति ने बताया कि केवल मां-बाप की खुशी के लिए वो शादी कर रहा है.
जब भड़क गए ससुरालवाले:-
इस मामले में महिला आगे किसी से कुछ बोलती उससे पहले दूल्हे की बहन ने भरोसा दिलाया कि मेडिकल में इसका इलाज है और छह महीने के कोर्स के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा. ननद की बातों में आकर पीड़िता ने युवक से चुपचाप शादी कर ली. महिला के मुताबिक, शादी के बाद ससुराल पहुंचने पर शुरू में कुछ दिनों तक सबका व्यवहार सामान्य रहा, लेकिन महिला द्वारा पति की नपुंसकता का इलाज कराने की बात पर ससुरालवाले भड़क गए.
जेठ और ससुर पर लगाए गंभीर आरोप:-
महिला के मुताबिक, इसके बाद प्रताड़ना का दौर शुरू हुआ. ससुराल में साड़ी के अलावा और किसी भी तरह के कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी गई. पीड़िता का आरोप है कि पति के बड़े भाई की नीयत बिगड़ गई और उसने लिपिस्टिक लगाए रखने पर जोर दिया. जेठ ने कहा कि लिपिस्टिक के बगैर अच्छी नहीं लगती हो. महिला के आरोपों के मुताबिक, उसके ससुर की भी नीयत ठीक नहीं थी. अक्सर वो उसके बेडरूम ने घुसकर चादर ठीक करने लगता था. जब महिला इन सब हरकतों से परेशान हो गई तो उसने पांचवें महीने में ससुराल छोड़ दिया और मायके लौट आई.
महिला आयोग पहुंचा मामला:-
पीड़ित महिला का आरोप है कि उसका पति डॉक्टर के पास जाने को तैयार नहीं हुआ और बच्चे के लिए बोलने पर गोद लेने की बात कही. तब उसने थक-हारकर बिहार राज्य महिला आयोग जाने का फैसला लिया और उनसे गुहार लगाई कि उसके पति को मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया जाए. आयोग ने पति को भी तलब किंया और उसे पत्नी की इच्छाओं का सम्मान करते हुए अपना इलाज करवने का आदेश दिया. इस पर पति ने मामले को तूल देने का आरोप लगाते हुए इलाज कराने से मना कर दिया.
आयोग ने दो महीने का दिया वक्‍त:-
बिहार राज्य महिला आयोग ने दोनों पक्षों को दो महीने का वक्त दिया है. पति-पत्नी अगले दो महीने तक एक साथ रहेंगे और अगर दोनों के बीच मतभेद बना रहा, तो उस स्थिति में आयोग ने दोनों को तलाक ले लेने का निर्देश दिया है.