काहिरा। प्राचीन मिस्र में लूडो की तरह का एक बोर्ड गेम इस्तेमाल किया जाता था। मगर, मनोरंजन की जगह 3500 साल पहले इसे मृत आत्माओं से बात करने के लिए उपयोग में लाया जाता था। इस खेल का नाम सीनेट (senet) था, जो करीब पांच हजार साल पहले खोजो जाने के बाद से मिस्र के समाज के सभी स्तर में लोकप्रिय था। हालांकि, 2500 साल बाद इसकी लोकप्रियता में गिरावट आ गई थी।
पहली बार इस खेल को शुरू किए जान के 700 साल बाद इसमें आध्यात्मिक पहलू को जोड़ लिया गया था। प्राचीन ग्रंथों के संकेत के साथ यह माना जाता था कि यह जिंदगी के बाद आत्माओं से संपर्क बनाने की एक कड़ी थी। अब एक विशेषज्ञ का मानना है कि उसने इस बदलाव के बीच का एक सीनेट बोर्ड मिला है, जिसमें संभवतः पहली बार खेल में आत्मा की स्वर्ग तक की यात्रा का चित्रण किया गया था।
प्राचीन ग्रंथों के खंडों के आधार पर, पुरातत्वविदों का मानना है कि सीनेट दो खिलाड़ियों के लिए एक खेल था - प्रत्येक में पांच प्यादे होते हैं, जो बोर्ड के चारों ओर घूमते हैं। इसमें एक ग्रिड होता था, जो तीन वर्गों और 10 वर्गों में बंटा होता था। यानी बोर्ड में कुल 30 खाने होते थे। खिलाड़ियों को संभवतः गेमिंग पासा फेंकना होता था, ताकि यह पता किया जा सके कि उनके मोहरे कितनी दूर चलेंगे। सबसे पहले सभी पांच टुकड़ों को अंत तक ले जाने वाला विजेता होता था।
पुरातात्विक रिकॉर्ड के अनुसार, यह संकेत मिलता है कि जब खेल पहली बार लगभग पांच हजार साल पहले खेला गया था, तो यह मनोरंजन के अलावा कुछ और नहीं था। हालांकि, लगभग 4,300 साल पहले मिस्र की प्राचीन कब्र कला ने उन छवियों को प्रदर्शित करना शुरू कर दिया था, जिसमें जीवित लोगों के खिलाफ मृत आत्माओं को सीनेट खेलते हुए दिखाया जाने लगा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि सेनेट अनिवार्य रूप से लूडो का एक प्राचीन संस्करण है, जो औइजा बोर्ड के करीब है। एक नाली के माध्यम से जीवित व्यक्ति मृत आत्माओं से संपर्क कर सकता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ड्यूएट वह है, आत्माओं का न्याय किया जाता था। खेल के स्थानांतरण के महत्व के साथ-साथ सीनेट बोर्डों की डिजाइन में लगभग 3,300 साल पहले बदलाव होने लगा था। नीदरलैंड में मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद् वाल्टर क्रिस्ट का मानना है कि कैलिफोर्निया के सैन जोस में रोसीक्रुसियन इजिप्टियन संग्रहालय में रखा एक सीनेट बोर्ड खेल के रीडिजाइन के शुरुआती चरणों को दर्शाता है।