एजुकेशन डेस्क। भारत में नोटबंदी के बाद नए नोट जारी किए गए। हालांकि वे सभी कागज के ही रहे। जबकि दूसरे देशों में दशकों पहले प्लास्टिक के नोटों का प्रचलन शुरू हो चुका है। इन नोटों की खासियत ने कई देशों को इसे अपनाने पर मजबूर किया है। इस सूची में भारत में जुड़ रहा है। अब भारत में भी कागज की जगह प्लास्टिक के नोटों की भी शुरुआत हो चुकी है। सरकार की घोषणा के अनुसार पहले पांच शहरों में इसकी शुरुआत हो रही है।
कौन हैं भारत के वो पांच शहर जहां प्लास्टिक के नोट मिलेंगे? ये कितने मूल्य के होंगे? क्या होते हैं प्लास्टिक के नोट और इसकी खासियत क्या होती है? दुनिया में पहली बार किस देश ने प्लास्टिक के नोटों की शुरुआत की थी? आगे पढ़ें इन सभी सवालों के जवाब।
पहली बार किस देश ने की शुरुआत:-
दुनिया में पहली बार प्लास्टिक के नोटों की शुरुआत करने वाला देश ऑस्ट्रेलिया है। वहां आज से करीब 32 साल पहले 1988 में ही प्लास्टिक के नोटों की शुरुआत हो चुकी है।
प्लास्टिक के नोट की खोज करने का श्रेय भी रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न यूनिवर्सिटी और कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल काउंसिल को जाता है।
किन देशों में हैं प्लास्टिक के नोट:-
ऑस्ट्रेलिया के बाद उसके पड़ोसी देश न्यूजीलैंड ने प्लास्टिक के नोटों का चलन शुरू किया। 1999 में वहां कागज के नोटों की जगह प्लास्टिक के नोटों ने ले ली। इसके अलावा कनाडा, स्कॉटलैंड, वियतनाम, रोमानिया, पापुआ न्यू गिनी, मॉरिशस, ब्रूनी, इस्रायल समेत करीब 30 देशों में प्लास्टिक के नोटों का प्रचलन है।
प्लास्टिक के नोटों की खासियत:-
प्लास्टिक के नोट पॉलिमर से बनाए जाते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से ये नोट कागज के नोटों से बेहतर हैं। इसमें पारदर्शी विंडो, वॉटरमार्क समेत कुछ ऐसे सुरक्षा फीचर होते हैं, जो आसानी से दिखते नहीं और इन्हें कॉपी करना आसान नहीं होता।
कागज के नोटों की तुलना में ये ज्यादा साफ और हल्के होते हैं। एक हाथ से दूसरे हाथ में जाने पर लोगों में संक्रमण का खतरा प्लास्टिक के नोटों में कम होता है, क्योंकि इनपर बैक्टीरिया आसानी से नहीं चिपकते। ये लंबे समय तक चलते हैं, जिससे नए नोटों के उत्पादन की समय सीमा बढ़ती है। परिणामस्वरूप ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने में भी मदद मिलती है। इन्हें रिसाइकल किया जा सकता है।
कपड़ों के साथ गीले हो जाने पर भी इनके फटने का खतरा नहीं होता।
भारत में कहां मिलेंगे प्लास्टिक के नोट:-
2017 से ही इसकी चर्चा चल रही है। 2018 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि सरकार ने देश में पांच जगहों पर प्लास्टिक के नोटों का ट्रायल करने का फैसला किया है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को 10 रुपये के प्लास्टिक के नोट छापने की मंजूरी भी दे दी गई है।
ये पांच शहर हैं - मैसूर, कोच्चि, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर।