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Sunday, March 22, 2020

खत्म नहीं हुए हैं कमलनाथ के मौके, अब भी सज सकता है ताज, बस करना होगा ये काम

भोपाल. सत्ता में होने के बाद भी अपने ही बागियों से मिले जख्म अब कांग्रेस (congress) के लिए भर पाना मुश्किल है. लेकिन अब क्या प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो पाएगी. इसका जवाब प्रदेश में अगले छह महीने में होने वाले उपचुनाव तय कर देंगे. प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं. अब कांग्रेस के 22 बागियों और बीजेपी के शरद कोल के इस्तीफे के बाद कुल 25 विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं. इन पर होने वाला उपचुनाव नया गुल भी खिला सकता है.
एमपी में मचे सियासी घमासान के बाद कमलनाथ सरकार गिरने के साथ 23 विधायकों की विधायकी भी खत्म हो गई है. अब कुल 25 सीटों पर चुनाव होगा. मौजूदा संख्या गणित में बीजेपी से पिछड़ी कांग्रेस को अब सत्ता में वापसी के लिए उपचुनाव की 25 सीटों में से 17 सीटों पर जीत की जरूरत होगी. उपचुनाव के परिणाम तय कर देंगे कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी या फिर कांग्रेस वनवास काटेगी.
प्रदेश में अब विधानसभा सीटों का गणित
प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीट हैं.
- 25 सीटों पर होगा उपचुनाव
-कांग्रेस के 22 बागी और बीजेपी के 1 विधायक के इस्तीफे और दो विधायकों के निधन के बाद 25 सीटें खाली
-बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 116
-बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायक हैं. उसे उपचुनाव में 10 सीट जीतनी होंगी.
- कांग्रेस की विधायक संख्या 92 है.
- निर्दलीय सपा-बसपा 7 को मिलाकर 99
- अगर बसपा-सपा और निर्दलीय कांग्रेस के साथ बने रहते हैं तो बीजेपी को मात देने के लिए उसे 17 सीटें जीतना होंगी. सीटें खाली घोषित होने पर अगले छह महीनों में उपचुनाव होंगे.
राजभवन पर नजर:-
कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब सभी की नजरें राजभवन पर हैं. बीजेपी अब सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. राज्यपाल बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं. राजभवन से न्योता मिलने पर बीजेपी सरकार बनाएगी. कांग्रेस के बागी 22 और बीजेपी के शरद कोल के इस्तीफे के बाद मौजूदा विधायक संख्या के आधार पर बीजेपी की सदस्य संख्या जरूरी बहुमत से ज़्यादा हो गई है.
फिर जीतना होगा:-
बीजेपी अगर सरकार बनाती है तो उसे विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. वो अपने मंत्रिमंडल में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को भी शामिल कर सकती है. लेकिन मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले बागियों को उपचुनाव में जीतकर आना होगा.