नई दिल्ली/भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाय चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा- एक चिंता जो हमारे पास है वह यह है कि स्पीकर ने इन 16 के लिए फैसला नहीं किया है। उनका कहना है कि 16 को बेंगलुरु में भेज दिया गया है। हम विधायकों को कार्यवाही में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, लेकिन हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे अपना फैसला ले सकें। यह एक संवैधानिक न्यायालय का कर्तव्य है।
कोर्ट रूम में दी गईं दलीलें:-
कोर्ट रूम में कांग्रेस ने दलील दी है कि गवर्नर कैसे कह सकते हैं, कि हमारे पास बहुमत नहीं है। मध्यप्रदेश के सियासी घमासान के बीच कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि आज हम एक अजीबोगरीब स्थिति में है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 114 सीटें दी हैं, जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। सबसे बड़ी पार्टी ने उस दिन विश्वास मत भी जीता था। 18 माह से बहुत ही स्थिर सरकार काम कर रही थी। बहुमत परीक्षण के लिए रातोंरात मुख्यमंत्री और स्पीकर को आदेश देना राज्यपाल का काम नहीं है। स्पीकर इस मामले में सबसे ऊपर हैं, राज्यपाल उन पर हावी हो रहे हैं। कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होने तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की मांग की। भाजपा ने इसका विरोध किया।
कितने विधायकों का इस्तीफा मंजूर हुआ:-
कोर्ट ने पूछा जिन 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें से कितने विधायकों का इस्तीफा मंजूर हुआ है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा है कि सभी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करना होगा।
कौन किसका वकील:-
जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच में कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे, भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी, राज्यपाल के वकील तुषार मेहता, स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह हैं।