Breaking

Saturday, March 28, 2020

मध्यप्रदेश: महिला विधायक से हुई थी हाई प्रोफाइल ड्रामे की शुरुआत, और गिर कई कमलनाथ सरकार

मध्यप्रदेश के पॉलिटिकल ड्रामे अंत के बाद एक बार फिर शिवराज की बापसी हुई है। बीते दिनों फ्लोर टेस्ट से पहले ही Kamal Nath ने इस्तीफा दे दिया था। इस ड्रामे की शुरुआत यूं तो प्रदेश की बसपा विधायक रामबाई से हुई थी, लेकिन सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब कांग्रेस के महाराज रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जैसे ही भाजपा का दामन थामा, Kamal Nath सरकार डोल गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफों के बाद साफ हो गया था कि Kamal Nath अब चंद दिनों के सीएम हैं। यहां जानिए कैसे शुरू हुआ Madhya Pradesh का यह पॉलिटिकल ड्रामा, पर्दे के पीछे की पूरी कहानी, दिलचस्प मोड और विधानसभा का पूरा गणित:-
इस महिला विधायक से हुई थी हाई प्रोफाइल ड्रामे की शुरुआत:-
Madhya Pradesh में इस हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे की शुरुआत बसपा की महिला विधायक रामबाई से हुई थी। 3 मार्च को दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह चौहान से पूछा था कि आपके नेता बसपा विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं या नहीं? इसके बाद ही सामने आया है कि कई विधायक गायब हैं और भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं।
दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर शिवराज सिंह का पलटवार:-
दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया, मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करने के इरादे से दिग्विजय सिंह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह उनकी आदत रही है। उनके कुछ काम नहीं हो रहे होंगे, इसलिए अपना महत्व बताने के लिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं।
मानेसर और बेंगलुरू में मिले कांग्रेस के बागी विधायक:-
3 और 4 मार्च की दरमियानी रात हरियाणा से बड़ी खबर आई। पता चला कि आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक हैं। वहीं कुछ विधायक बेंगलुरू में बताए गए। भनक लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ हरकत में आए और अपने चार मंत्रियों को हरियाणा भेजा। यहां पुलिस की मौजूदगी में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस या उसको समर्थन दे रहे कुल 8 विधायकों के बागी होने की सूचना।
ज्योतिरादित्य खफा, साथ में 19 विधायक भी:- कांग्रेस आलाकमान को पता चला कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 19 विधायक अपनी ही सरकार से खफा हैं। ये सभी 19 विधायक बेंगुलरू में हैं। खबर आई कि कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। वहीं ऑपरेशन लोटस के लिए अमित शाह ने कमान संभाली।
होली के दिन, कमलनाथ की हो ली:-
जिन दिन पूरा देश रंगों को त्यौहार होली मना रहा था, उस दिन (10 मार्च) सिंधिया ने दिल्ली में बड़ा दांव खेला। मीडिया से बचते-बचाते सिंधिया पहले अमित शाह से मिले, फिर पीएम मोदी से उनकी मुलाकात हुई। चंद मिनटों बाद ही सिंधिया ने कांग्रेस से अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया।
सिंधिया समर्थकों में इस्तीफों की होड़ मची:-
इसके बाद तो जैसे मध्यप्रदेश में Jyotiraditya Scindia के समर्थकों के बीच पार्टी से इस्तीफा देने की होड़ मच गई। बेंगलुरू से सिंधिया समर्थक 6 मंत्री और 13 विधायकों ने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया, तो भोपाल में 2 और विधायकों, बिसाहूलाल सिंह और ऐंदल सिंह कंषाना पार्टी छोड़ दी।
भाजपा को प्यारे तो कांग्रेस के दुश्मन हो गए सिंधिया:- 
कांग्रेस छोड़ते ही Jyotiraditya Scindia को लेकर देशभर में बयानाजी का दौर शुरू हो गया। भाजपा नेताओं का रुख उनके लिए पूरी तरह बदल चुका था, तो कांग्रेसी अब अपने ही महाराज को कोस रहे थे। इस बीच, Jyotiraditya Scindia समर्थकों के इस्तीफों का सिलसिला जारी रहा।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हो गया साफ:-
11 मार्च की शाम भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। यहां सिर्फ 93 विधायक पहुंचे। इससे साफ हो गया कि कमलनाथ सरकार खतरे में है। इसी समय दिल्ली में भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत सभी बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। Jyotiraditya Scindia को लेकर भी चर्चा हुई।
अपने-अपने विधायकों को बचाने में जुटे भाजपा और कांग्रेस:-
11 मार्च की रात भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली तो कांग्रेस ने जयपुर रवाना कर दिया। बसों में इन विधायकों को भेजा गया। कांग्रेस अब भी दावा कर रही है कि कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नहीं है। सभी विधायक साथ हैं।
पहली बार राहुल गांधी ने किया कमेंट, सिंधियापर नहीं बोले:- 
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद राहुल गांधी ने 12 मार्च को पहली बार प्रतिक्रिया दी। राहुल ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर निशाना साधा, लेकिन Jyotiraditya Scindia पर कुछ नहीं बोले। लिखा - जब आप चुनी हुई कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश में लगे थे, तब आप ध्यान नहीं दे पाए कि वैश्विक स्तर पर तेल के दाम 35 प्रतिशत गिरे हैं। क्या आप पेट्रोल के दाम 60 रुपए प्रति लीटर से कम कर देश की जनता को फायदा पहुंचाएंगे? यह ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देगा।
भाजपा के हुए ज्योतिरादित्य, तत्काल मिली राज्यसभा की दावेदारी:-
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 मार्च को आखिरकार दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। सदस्यता ग्रहण करने के बाद सिंधिया ने पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफ की। इसके चंद घंटों बाद ही भाजपा ने वादा निभातेह हुए उन्हें मध्यप्रदेश से पार्टी का राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया।
भोपाल में सिंधिया का भव्य स्वागत:-
अगले दिन यानी 12 मार्च को Jyotiraditya Scindia भोपाल पहुंचे। यहां भव्य स्वागत हुए। एयरपोर्ट से भाजपा कार्यालय तक रोड शो निकला। मुख्यालय पहुंचकर Jyotiraditya Scindia ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन भी भरा।
राज्यपाल बनाम सरकार की स्थिति बनी:-
14 मार्च को देर रात राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि आपकी सरकार अल्पमत में लग रही है। इसलिए आप विधानसभा में बहुमत साबित करें। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सदन में क्या होगा यह विधानसभा अध्यक्ष तय करेंगे, न कि राज्यपाल।
जयपुर से लौटे कांग्रेस विधायक, बेंगलुरू वालों ने जारी किया वीडियो:-
16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होना है और इससे एक दिन पहले जयपुर में रखे गए कांग्रेस के विधायक भोपाल लौट आए। कोरोना वायरस का खतरा देखते हुए इनकी स्क्रीनिंग की गई। वहीं बेंगलुरू में बैठे सिंंधिया समर्थक विधायकों ने वीडियो जारी कर बताया कि वे अपनी मर्जी से वहां हैं और उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। देर रात भाजपा विधायक भी भोपाल लौट आए, जो अब तक हरियाणा में मानेसर में ठहरे थे।
देर रात तक होती रही बयानबाजी:-
15 मार्च को देर रात तक गहमागहमी होती रही। राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का फैसला विधानसभा अध्यक्ष लेंगे। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सरकार फ्लोर टेस्ट से भागे नहीं और फ्लोर टेस्ट करवाए।
नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट, स्पीकर ने 26 तक स्थगित की कार्रवाई:-
16 मार्च को प्रदेश में हाई प्रोफाइल ड्रामा जारी रहा। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, लेकिन स्पीकर ने कोरोना वायरस का खतरा बताते हुए फ्लोर टेस्ट से इन्कार कर दिया और सदन की कार्रवाई 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मिली जीत:-
स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ भाजपा ने सुप्री कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यहां तीन दिन चली सुनवाई के बाद भाजपा का बड़ी जीत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को शाम 5 बजे का समय तय किया।
16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार, अल्पमत में आई कमल नाथ सरकार:- 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चंद घंटों बाद ही कमल नाथ सरकार उस समय अल्पमत में आ गई, जब देर रात स्पीकर ने बेंगलुरू में बैठे कांग्रेस के बागी 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए।
और गिर गई कमल नाथ सरकार:-
20 मार्च 2020 यानी वह दिन आ गया जब कमलन नाथ सरकार को अपना बहुमत साबित करना था, लेकिन दोपहर 12 बजे कमल नाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे की घोषणा कर दी। इसके साथ ही तय हो गया कि प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
शिवराज फिर बनें सीएम:-
शिवराज सिंह चौरान का एक बार फिर सीएम बनना तय हो गया। केंद्रीय नेतृत्व ने भी उनके नाम की हरी झंडी दे दी। विधायक दल की बैठक में नेता चुना जाने के बाद शिवराज प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए।