भोपाल। आमतौर पर जब कोई सीएम इस्तीफा देता है तो वह अपनी पार्टी के आला नेताओं को इसकी जानकारी देता है। मगर मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने अपने इस्तीफे की जानकारी मध्यप्रदेश बीजेपी के बड़े नेता को फोन कर दी। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकता हैं कि राजनीतिक रूप से जो तल्खियां दिखती हैं वो व्यक्तिगतों रिश्तों को लेकर बहुत संजीदा होते हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश के कार्यवाहक सीएम कमलनाथ ने अपने इस्तीफे के बारे में जानकारी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को फोन कर दी। उन्होंने बताया कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। उस वक्त शिवराज सिंह चौहान सीहोर में अपने विधायकों के साथ थे। फ्लोर टेस्ट के लिए विधायकों के साथ भोपाल आने की तैयारी में थे।
ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर कमलनाथ ने अपने प्रतिद्वंदी शिवराज सिंह चौहान को फोन कर जानकारी क्यों दी। वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी या फिर राहुल गांधी को भी दे सकते थे। इसके पीछे भी एक बेहद दिलचस्प कहानी है। इसके लिए आपको पंद्रह महीने पीछे चलना होगा। यानी कि दिसंबर 2018 में।
नतीजे के बाद किया था फोन:-
दरअसल, दिसंबर 2018 में जब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे तो कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा सीटें आई थीं। साथ ही निर्दलीय, बीएसपी और एसपी का समर्थन मिल गया था। ऐसे में कांग्रेस बहुमत के आंकड़ें के करीब पहुंच गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नतीजे आने के अगले दिन कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान को फोन किया था। कमलनाथ कुछ बोलते, उससे पहले ही शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें कह दिया था कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।
आप सरकार बनाइए:-
शिवराज सिंह चौहान ने उस वक्त कमलनाथ को कहा था कि जनता ने आपको बहुमत दिया है, आप सरकार बनाइए। मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। इतना सुन कमलनाथ सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए थे। उसके बाद कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। बाद में शिवराज सिंह चौहान को अपने शपथ ग्रहण समारोह में भी बुलाया था।
शिवराज भी जाकर मिले:-
वहीं, जब कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान को फोन कर बताया कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं तो उन्होंने मिलने का वक्त मांगा था। कमलनाथ के इस्तीफे के बाद शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके आवास पर जाकर शुक्रवार शाम छह बजे मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बात हुई थी।