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Tuesday, March 17, 2020

वैज्ञानिक ने बताया- भारत पर नहीं है अमेरिका-यूरोप जैसा कोरोना का खतरा, यह है इसकी वजह

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी है। दो कोरोना पीड़ितों की मौत भी हो चुकी है। हमारे लिए यह खतरा कितना बड़ा है और क्या हम इस खतरे से निबटने में सक्षम हैं। कुछ ऐसे ही सवालों को लेकर हमारे विशेष संवाददाता अमित शर्मा ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर या ICMR) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर आर. गंगाखेड़कर से मुलाकात की। पेश है वार्ता के प्रमुख अंश-
प्रश्न- 
सर, कोरोना वायरस को फैलने से रोकना ही इस खतरे से बचने का सबसे सही तरीका बताया जा रहा है। मगर यूरोप की जनता अपेक्षाकृत ज्यादा पढ़ी-लिखी और कानून को मानने वाली है, जबकि हमारी जनता अपेक्षाकृत कम शिक्षित और सरकारों की एडवाइजरी के प्रति लापरवाह है। ऐसे में देश में कोरोना के प्रसार को रोकना कितना संभव हो पाएगा?
जवाब : 
देखिए, इसी मामले का एक पहलू यह भी है कि कोरोना वायरस के फैलने का सबसे बड़ा कारण मोबिलिटी है। इटली जैसे देशों की जनता विभिन्न कारणों से बहुत ज्यादा घूमती है। केवल ट्रेन से ही लोग पूरा यूरोप घूम लेते हैं।
इटली में कोरोना के इतना ज्यादा फैलने के पीछे भी यही कारण है कि वे लोग चमड़े की चीजों के व्यापार में वुहान खूब आते-जाते रहे हैं। यही कारण है कि विभिन्न यूरोपीय देशों में कोरोना का वायरस बहुत तेजी के साथ फैलता चला गया जबकि हमारे देश की बात करें तो हमारे लोग बहुत कम मोबाइल हैं। विदेश जाने वालों की संख्या तो बहुत ही कम है। यही कारण है कि भारत में कोरोना का वायरस तेजी से नहीं फैला।
दूसरी बात, अभी तक का अनुभव बताता है कि यह वायरस अपेक्षाकृत वृद्ध लोगों को अपना शिकार बना रहा है। मगर भारत में युवा लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि हमारे यहां इसके कम लोग शिकार हुए। हालांकि आपकी बात सही है। जनता के सहयोग के बिना इस समस्या से निपटने में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए हम सब लोगों से खुद को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रखने की अपील कर रहे हैं।
प्रश्न- 
इस बात पर खूब चर्चा हो रही है कि गर्मी आते ही यह वायरस सुस्त हो जाएगा या इसका असर कम हो जाएगा। आपका अनुभव क्या है?
जवाब : 
देखिए, विज्ञान तथ्यों पर यकीन करता है। यह समस्या दिसंबर के अंत में शुरू हुई है और अभी भी मार्च का महीना चल रहा है। गर्मी में यह वायरस किस प्रकार से व्यवहार करेगा, इसकी प्रकृति में किस तरह का अंतर आएगा, इस विषय पर हमारे पास कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। ऐसे में पूरे यकीन के साथ अभी हम कुछ भी नहीं कह सकते। गर्मियों के आने के बाद ही हम इस पर कुछ कहने की स्थिति में होंगे।
प्रश्न- 
क्या हमने अपने नागरिकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए सही समय पर पर्याप्त कदम उठाए हैं? अगर यह तेजी से फैलता है तो क्या हम उस चुनौती से निपटने में सक्षम हैं?
जवाब : 
हमारे देश में 30 जनवरी को केरल में सबसे पहला मामला सामने आया था जबकि वुहान की स्थिति को देखते हुए हमने 17 जनवरी को ही इसके संदर्भ में जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया था। लोगों को एडवाइजरी जारी करने के साथ ही अलग-अलग जगहों पर सेंटर तैयार किए जा चुके थे। ऐसे में आप कह सकते हैं कि हमने पर्याप्त समय रहते कदम उठा लिए थे। इसी का असर कह सकते हैं कि कोरोना का असर हम पर कम हुआ।
प्रश्न- 
डॉक्टरों की संख्या और मरीजों से उनका अनुपात हमारे देश में काफी खराब स्थिति में है। ऐसे में अगर स्थितियां बिगड़ती हैं तो क्या हम उससे निपटने की स्थिति में हैं?
जवाब : 
जब भी इस तरह की कोई स्थिति आती है तो दूसरे क्षेत्र के डॉक्टरों को अलग-अलग जगहों से हटाकर हम मुख्य मोर्चे पर लगा देते हैं। इसके अलावा हमारे पास रेलवे और सेना के डॉक्टरों की भारी-भरकम टीम मौजूद है। ऐसे में यह कोई बड़ी समस्या नहीं है।
प्रश्न- 
कोरोना वायरस को लेकर देश में मौजूदा स्थिति क्या है?
जवाब : 
जहां तक पीड़ितों की संख्या की बात है, यह संख्या 114 तक पहुंच चुकी है। इनमें दो की मौत हो चुकी है। मगर हमारे लिए अच्छी खबर यह है कि कोरोना के पीड़ित ठीक होकर, स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। इनकी संख्या भी लगभग एक दर्जन से ज्यादा हो गई है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि हम सब मिलकर इस खतरे से निपटने में कामयाब रहेंगे।
प्रश्न- 
अभी टेस्टिंग और जांच की क्या सुविधा उपलब्ध है?
जवाब : 
देश की 70 अलग-अलग जगहों पर कोरोना से संबंधित टेस्ट किए जा रहे हैं। 56 सेंटरों से सैंपल इकट्ठे किए जा रहे हैं। दो एजेंसियों को सैंपलों को टेस्टिंग सेंटरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा पुणे और चेन्नई में दो जगहों पर कोरोना के वायरस पर शोध चल रहा है। हमारी कोशिश है कि हम जल्द से जल्द कोरोना का उचित इलाज खोज लें।
प्रश्न- 
आप कोरोना से बचने के लिए लगातार विभिन्न सलाह दे रहे हैं। हमारे पाठकों के लिए बताएं कि उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब : 
इससे बचाव का सबसे सही तरीका यही है कि आप कम से कम बाहर निकलें। जब तक इसका समुचित इलाज सामने नहीं आ जाता है, तब तक विशेष सावधानी बरतें। समय-समय पर साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोते रहें। किसी से बात करने के समय कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें, किसी बाहरी चीज के संपर्क में आते हैं तो हाथ धुलने के पहले अपना चेहरा न छुएं। अगर आपको जरा भी शक होता है कि आप कोरोना के वायरस से पीड़ित हो सकते हैं तो बिना देर किए डॉक्टरों से संपर्क करें।