दमोह। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में दिन ब दिन राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। सरकार गिरने और बचाने के इस उलटफेर में सरकार बनाने को लेकर कई विधायकों के समीकरण बदल रहे हैं। इधर बीजेपी ने अपने विधायक अंडरग्राउंड कर लिये हैं, तो कांग्रेस भी अपने विधायकों को सैफ जोन में ले गई हैं। इनमें सिंधिया समर्थन के विधायक अलग ही सुरक्षित किये गए हैं। हालांकि, मंत्री पद की मांग हो या कोई खरा फैसला लेने की बात अपने तेजतर्रार रवैय्ये से हमेशा चर्चा में रहने वाली पथरिया से बसपा विधायक रामबाई की आवाज इस घमासान में कहीं सुनाई नहीं आई। इस बीच सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं, कि अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली रामबाई इस गहमा गहमी के दौर में आखिर गायब कहां हैं?
बेटे का इलाज करा रहीं रामबाई:-
फिलहाल, रामबाई शांत हैं और अपने पत्ते नहीं खोलने को ही फायदे का सौदा मान रही हैं। इसी लिए न ही वो कांग्रेस का समर्थन करते हुए विधायकों के साथ जयपुर गईं और न ही भाजपा का संमर्थन करके बैंगलूरू। जानकारी मिली है कि, इन दिनों वे किसी भी पार्टी के संपर्क में नहीं है। बल्कि इस गहमा गहमी के दौर में शांत रहकर अपने बेटे का इलाज कराने के लिए दिल्ली गईं हैं और यहीं वो पिछले पांच दिनों से ठहरी हुई हैं। राम बाई से जब पूछा गया कि, मौजूदा समीकरणों को लेकर उनका क्या कहना है, वो किसके पक्ष में हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, 'ये ऐसी स्थिति है, जिसमें कुछ कहना ठीक नहीं होगा।
हम तो निर्दलीय विधायक के समान'- रामबाई
रामबाई ने कहा कि, न तो हम कांग्रेस पार्टी से हैं और न ही भाजपा से, तो घमासान तो इन दो ही पार्टियों के बीच चल रहा है। ऐसी स्थिति में हम लोग निर्दलीय विधायकों की श्रेणी में हैं, इसलिए फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इंतजार करना सबसे बेहतर विकल्प है। दरअसल, कांग्रेस की सरकार को बसपा के समर्थन के चलते विधायक रामबाई का कद प्रदेश में बढ़ गया था। ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि वे कांग्रेस की सरकार में दूसरी बार होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह दी जाएगी। लेकिन, ऐन वक्त पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद प्रदेश के राजनीतिक समीकरण ही बदल गए, जिसमें रामबाई के लिए किसी तरह की उम्मीद कर पाना ठीक नहीं है।
घर पहुंचकर उठाएंगी आगे का कदम:-
सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिससे, प्रदेश की कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है। रामबाई ने बताया कि अभी सरकार की स्थिति स्पष्ट नहीं है, इसलिए वे कुछ नहीं कहना चाहतीं। फिलहाल, बेटे का इलाज करा रही रामबाई दमोह पहुंचने के बाद अगले कदम की चर्चा करेंगी।