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Monday, March 9, 2020

वर्तमान सरपंच व सचिव पंचायतों के पुनर्गठन तक बने रहेंगे पावरफुल सरकार का बड़ा फैसला । GOOD NEWS

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भोपाल। प्रदेश में पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। मई अंत तक मतदाता सूची तैयार होगी और इसके बाद मानसून आ जाएगा। इससे पंचायतों का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो, इसके लिए कमलनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रशासकीय समिति बनाने का फैसला किया है। समिति का प्रधान वही सरपंच होगा, जिसका कार्यकाल समाप्त होने से समिति अस्तित्व में आएगी। इतना ही नहीं, प्रधान और पंचायत सचिव को ग्राम पंचायत के खातों से राशि निकालने का अधिकार भी रहेगा। प्रदेश में 23 हजार 922 पंचायतें हैं और अधिकांश का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को देर शाम मंत्रालय में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी हुई थी। इसमें कार्यकाल समाप्त होने पर पंचायतों की कमान प्रशासक को देने की जगह प्रशासकीय समिति गठित करने का सुझाव मंत्रियों ने रखा, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई।
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने रविवार को सभी कलेक्टरों को पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रशासकीय समिति बनाने और खातों से आहरण के अधिकार देने के निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश पंचायतों का कार्यकाल मार्च अंत में समाप्त हो रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची बनाने का काम करवा रहा है। ऐसे में चुनाव होना संभव नहीं है। इसकी वजह से पंचायतों का काम प्रभावित हो सकता है।
इसके मद्देनजर सरकार ने तय किया है कि पंचायतों के कामकाज बाधित न हो, इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर प्रशासकीय समिति बनाई जाएगी। समिति में वे सब पदाधिकारी, जो पंचायत का कार्यकाल पूरा होने से पहले पंचायत सदस्य थे, रखे जाएंगे। पूर्व सरपंच को समिति का प्रधान बनाया जाएगा। इसके साथ ही दो ऐसे व्यक्ति भी मनोनीत किए जाएंगे, जिनका नाम पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में होगा। मनोनयन न होने की सूरत में भी समिति काम करती रहेगी।
दो नामांकित सदस्य होंगे प्रशासकीय समिति में:-
इसी अनुक्रम में ग्राम पंचायतों के कार्यकलापों के सुचारू संचालन की दृष्टि से वैकल्पिक व्यवस्था स्वरूप ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन होने तक प्रशासकीय समितियों का गठन का निर्णय लिया गया। मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 87 की उप धारा 3-खअनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु एक प्रशासकीय समिति का गठन किया जाए। प्रशासकीय समिति में यह सब पदाधिकारी जो कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ग्राम पंचायत के सदस्य रहे हैं सदस्य बनाए जाएं ग्राम पंचायत का कार्यकाल 2015- 2020 समाप्त होने के पूर्व सरपंच रहे गति को इस प्रशासकीय समिति का प्रधान बनाया जाए इस समिति में ऐसे दो व्यक्ति मनोनीत किया जाए जिनका नाम संबंधित ग्राम पंचायत की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित हो गया प्रसाद की समिति मनोनीत सदस्य होने अथवा मनोनयन के अभाव में भी कार्य करती रहेगी ।
प्रशासकीय समिति गठन हेतु कलेक्टर विहित प्राधिकारी:-
प्रशासकीय समिति के प्रधान एवं ग्राम पंचायत के सचिव मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 के सुसंगत पंचायत के राशि का आहरण एवं संवितरण कर सकेंगे । ग्राम पंचायतों की प्रशासकीय समिति के गठन हेतु कलेक्टर विहित प्राधिकारी होंगे। उक्तानुसार ग्राम पंचायत की प्रशासकीय समितियों के गठन का प्रतिवेदन तत्काल आयुक्त संचालक पंचायत राज संचनालय मध्यप्रदेश को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।