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भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी उथलपुथल के बीच दोनों ही दलों में खलबली मची है। बीजेपी और कांग्रेस अपने कुछ सिपाहियों पर शक है, जिनका मन डोल सकता है। दोनों ही दल वैसे लोगों को चिह्नित कर, उन पर नजर रख रही है। दोनों ही दल के लोगों को लगता है कि ये लोग पाला बदल सकते हैं। कुछ ने पांच दिन के सियासी ड्रामे में यह संकेत भी दे दिए हैं कि वह अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान नहीं हैं।
भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी उथलपुथल के बीच दोनों ही दलों में खलबली मची है। बीजेपी और कांग्रेस अपने कुछ सिपाहियों पर शक है, जिनका मन डोल सकता है। दोनों ही दल वैसे लोगों को चिह्नित कर, उन पर नजर रख रही है। दोनों ही दल के लोगों को लगता है कि ये लोग पाला बदल सकते हैं। कुछ ने पांच दिन के सियासी ड्रामे में यह संकेत भी दे दिए हैं कि वह अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान नहीं हैं।
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सरकार गिराने से ज्यादा मध्यप्रदेश में लड़ाई राज्यसभा को लेकर है। विधायकों की मौजूदा संख्या के हिसाब से भाजपा के खाते में भले ही एक सीट आ रही हो, लेकिन वो राज्यसभा में दूसरी सीट हथियाने के लिए कम पड़ रहे सात विधायकों की खाई पाटने की कोशिश में है। उधर, कांग्रेस भी राज्यसभा में एक सीट खोने के साथ अल्पमत में होने का कलंक अपने माथे पर नहीं लगाना चाहती है।
सरकार गिराने से ज्यादा मध्यप्रदेश में लड़ाई राज्यसभा को लेकर है। विधायकों की मौजूदा संख्या के हिसाब से भाजपा के खाते में भले ही एक सीट आ रही हो, लेकिन वो राज्यसभा में दूसरी सीट हथियाने के लिए कम पड़ रहे सात विधायकों की खाई पाटने की कोशिश में है। उधर, कांग्रेस भी राज्यसभा में एक सीट खोने के साथ अल्पमत में होने का कलंक अपने माथे पर नहीं लगाना चाहती है।
कमजोर कड़ियों पर नजर:-
वहीं, सरकार का फ्लोर टेस्ट और दोनों दलों की अग्नि परीक्षा राज्यसभा चुनाव में ही होना तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही दलों ने दूसरे खेमे की कमजोर कड़ियां तलाश ली हैं। पिछले पांच दिनों से मध्यप्रदेश में जारी पॉलिटिकल ड्रामा उनमें से कुछ कमजोर कड़ियों से पर्दा हटने की कहानी है।
बीजेपी के नौ विधायकों पर नजर:-
मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी तीन दिन में दो बार सीएम और विधानसभा अध्यक्ष से मिल चुके हैं। ब्योहारी विधायक शरद कोल से भी कांग्रेस द्वारा संपर्क करने की खबर है। कांग्रेस ने भाजपा के जिन विधायकों को चुना है वे या तो पहले कांग्रेस में रहे हैं, या किसी अन्य दल से भाजपा में पहुंचे हैं। कांग्रेस, बीजेपी के इन विधायकों पर नजर रख रही है, जिनमें नारायण त्रिपाठी, शरद कोल, पीएमल तंतुवाय, दिनेश राय मुनमुन, सुदेश राय, राजश्री सिंह, राकेश गिरी, राजेश प्रजापति और सीताराम आदिवासी हैं।
भाजपा की यह है कोशिश:-
वहीं, सूत्रों के अनुसार भाजपा विपक्ष के 17 विधायकों को निशाने पर ले चुकी है। कांग्रेस के 11, निर्दलीय 3, बसपा के 2 और सपा का एक विधायक शामिल है। भाजपा इस कोशिश में है कि चुनाव में ये विधायक या तो वोटिंग के दिन गैरहाजिर हो जाएं या फिर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट कर दें। कांग्रेस के जिन ग्यारह विधायकों पर बीजेपी नजर रख रही है, उनमें बैजनाथ कुशवाहा, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना, ऐंदल सिंह कंसाना, महेश परमार, जसवंत जाटव, हीरा अलावा और केपी सिंह हैं।
बीजेपी ने भेजी सूची:-
राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की प्रदेश कमिटी ने लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेश कमिटी ने रविवार को बैठक कर संभावित नामों की सूची केंद्रीय कमिटी के पास बंद लिफाफे में भेज दी है। अब दिल्ली फाइनल करेगा कि कौन राज्यसभा का उम्मीदवार होगा। जबकि कांग्रेस में उम्मीदवारों के नामों को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा था कि अभी राज्यसभा को लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं हुई है। फैसला पार्टी हाईकमान के हाथ में हैं।