दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए गए आदेश के बाद पूरे देश में 14 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है। पूरे भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग 724 तक पहुंच चुकी है। इससे मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। वहीं कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है।
बता दें कि आज RBI ने सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ अन्य वित्तीय संस्थानों को टर्म लोन की किस्त तीन महीने तक टालने की अनुमति दी है। आरबीआई के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है। यहां बता दें कि आरबीआई ने आदेश नहीं, सिर्फ सलाह दी है। इसका सीधा मतलब ये है कि बैंकों को अब तय करना है कि वो आम लोगों को ईएमआई पर छूट दे रही हैं या नहीं।
इतना ही नहीं बैंक ही तय करेंगे कि कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं। अभी तक इस बात पर कन्फ्यूजन बना हुआ है रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वालों में किसको इसकी लाभ मिलेगा। बता दें कि आरबीआई के द्वारा रेपो रेट कटौती का फैसला ऐतिहासिक है। रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
इन सब के बीच आरबीआई गवर्नर के मुताबिक सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है। इस फैसले से 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आएगी। साथ कोरोना के फ्रकोप को देखते हुए गवर्नर ने ये भी आदेश दिए हैं कि डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करें।