नीमच/ मध्य प्रदेश में लगे लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान गरीब मजदूरों को भोजन की व्यवस्था करने के लिए नीमच के दो बच्चों ने अपनी गुल्लक फोड़कर उसमें जमा 5060 रुपये राशि जिले के खेडली थाने पहुंचकर थाना प्रभारी को रुपये उन गरीबों के भोजन की व्यवस्था करने के लिए दिये थे। सोशल मीडिया पर देशभर ने उन मासूम बच्चों के कार्य की सराहना की जा रही है। प्रदे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी लोगों से संबोधन के दौरान उन बच्चों के कार्य की सराहना की साथ ही, उनसे वादा भी किया कि, जल्दी ही तुम्हारा मामा तुम्हारी साइकल लेकर आएगा।
सीएम के निर्देश पर कलेक्टर-एसपी ने किया छात्रों का सम्मान:-
बता दें कि, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नीमच जिले के गॉव खेडली के दोनो बच्चों केशव और देवराज को उनकी ओर से किये गए कार्य के लिए सम्मानित करने के निर्देश दिए थे। इसी के चलते जिला कलेक्ट जितेन्द्र सिंह राजे और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने मनासा क्षैत्र के गॉव खेडली के स्कूल में पहुचंकर दोनों छात्रों द्वारा किये गए अनुकरणीय कार्य के लिए उनका पुष्पहार हार पहनाकर स्वागत किया। साथ ही, सम्मान स्वरूप दोनों छात्रों को साईकिलें भी उपहार में दीं। कलेक्टर राजे ने देशभर में सभी लोगों से आपदा की इस घड़ी में अधिकाधिक सहयोग का आव्हान करते हुए कहा, ,भी के लिए इस छोटी सी उम्र के ये बच्चे बड़ी प्रेरणा हैं।
छात्रों ने गुल्लक में जमा राशि की थी गरीबों के लिए दान:-
देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश में भी कोरोना वायरस का संक्रमण अपने आपे से बाहर है। प्रदेश में अब तक कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या 126 हो चुकी है, साथ ही संक्रमण का शिकार होकर 8 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालात को नियंत्रित रखने के लिए केन्द्र सरकार ने देशभर में 21 दिनों का लॉकडॉउन लगाया है। ये निर्देश लोगों के हित के लिए जरूरी हैं। हालांकि, लॉकडाउन का बड़ा नुकसान रोज मजदूरी करने वालों को हुआ। देशभर में कई गरीब मजदूर भूख प्यास से बिलख कर बड़े शहरों से पलायन करने को मजबूर हो गए। लाखों की संख्या में मजदूर लॉकडाउन का नियम तोड़ते हुए पैदल ही एक शहर से दूसरे शहर और एक राज्य से दूसरे राज्य जाने को मजबूर हुए। ऐसे ही कई भूख-प्यास से परेशान गरीब मध्य प्रदेश भी आ रहे हैं, जिनके पास उनके घर पहुंचने के अलावा भोजन एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इन मजदूरों के भोजन की व्यवस्था करने के लिए दो बच्चों ने अपनी गुल्लक भोड़कर पैसे दिये। ताकि उन परेशान गरीबों के भोजन की व्यवस्था हो सके। बच्चे साइकल खरीदने के लिए पैसे जोड़ रहे थे।