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Thursday, May 7, 2020

लोकडाउन: घर लौटने के लिए 12 दिन से भूखे-प्यासे पैदल चल रहा 7 लोगों का परिवार, अभी भी 700 KM का सफर बाकी

इंदौर. महाराष्ट्र के धुले में गुब्बारे बेचकर अपना पेट पालने वाले यूपी के अलीगढ़ (Aligarh) के रहने वाले विनोद के सामने लॉकडाउन (Lockdown) के चलते भूखों मरने की नौबत आ गई. ऐसे में वो अपने दिव्यांग भाई और ससुर को व्हीलचेयर पर बिठाकर छोटे-छोटे तीन बच्चों के साथ पैदल ही अपने गांव के लिए रवाना हो गए. वो पिछले 12 दिन से लगातार पैदल चल रहे हैं और अभी मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) तक पहुंचे हैं. अभी इन्हें और 700 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना है. भीषण गर्मी में इनकी क्या हालत होगी ये सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
पत्नी और तीन बच्चों के साथ लगातार पैदल चल रहे विनोद ने बताया कि वो महाराष्ट्र के धुले में गुब्बारे बेचने का काम करते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई. कहीं से खाने की व्यवस्था न होने की वजह से उन्होंने अपने परिवार को लेकर पैदल ही घर जाने का फैसला कर लिया. विनोद के साथ उनके ससुर राजेश, दिव्यांग भाई राज, पत्नी सुनीता और तीन बच्चे- चांदनी, मीरा ओर संजय पिछले 12 दिन से पैदल चल रहे हैं. रास्ते में न पीने का पानी, न खाने की कोई व्यवस्था, कोई सहायता नहीं कर रहा है. सब कुछ भगवान भरोसे हैं.
पिछले 12 दिनों से भूखा है परिवार:-
इंदौर जिले के मानपुर पहुंचे विनोद बताते हैं कि वे सब पिछले कई दिनों से भूखे हैं. उन्होंने और उनके परिवार ने खाना नहीं खाया है. लगातार पैदल चल रहे हैं. दो लोग व्हीलचेयर पर हैं, वो भी भूखे हैं. बच्चे भी पैदल चल-चलकर परेशान हैं. विनोद का कहना है कि किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली है. विनोद की मांग है कि सरकार उन्हें सिर्फ घर तक छोड़ दे क्योंकि उनके साथ दो दिव्यांग लोग भी हैं और पास में पैसा भी नहीं है. उनका कहना है कि कोरोना से तो नहीं लेकिन भूख और पैदल चलने से कहीं वो जिंदगी की जंग न हार जाएं. विनोद जैसे भूखे-प्यासे हजारों लोग रोज सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर इंदौर से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए निकल रहे है लेकिन इन गरीबों की मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.