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Monday, May 4, 2020

कोरोना ज्योतिष : शनि-मंगल की जोड़ी बिछड़ते ही देश-दुनिया मे कोरोना से मिलेगी राहत

भोपाल। विनाश और संघर्ष का कारक माने जाने वाला मंगल ग्रह अभी उच्च राशि मकर में गोचर कर रहा है। उनके साथ शनि और बृहस्पति भी हैं। चार मई को इनकी जोड़ी बिछड़ रही है। मंगल ग्रह मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। वे इस राशि में 20 जून तक इसी राशि में रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों (astrologer) के अनुसार मकर राशि में रहते मंगल उच्च के हो गए थे, जिससे इस ग्रह का प्रभाव बड़ा। मंगल 22 मार्च को शनि की मकर राशि में पहुंचा था, तभी से कोरोना वायरस का कहर फैला है। पूरी मानव जाति संकट से जूझ रही है। ग्रह परिवर्तन के बाद सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगेंगे। इन दिनों जो पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है, उसमें मंगल और शनि का बड़ा हाथ है। शनि और मंगल के एक राशि में रहने से उसके भंयकर परिणाम आते हैं। शनि और मंगल की जोड़ी बिछड़ते ही दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के कहर में कमी आने लगेगी।
बृहस्पति को बल मिलने से शुभ संकेत:-
ज्योतिषाचार्य मां चामुंडा दरबार के पुजारी पं. रामजीवन दुबे व ज्योतिषाचार्य विनोद रावत के अनुसार अभी मकर राशि में शनि, मंगल और गुरु एक साथ गोचर कर रहे हैं। इसमें से मंगल ग्रह वक्री होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। जनता के बीच व्याप्त भय कम होने लगेगा। एक सप्ताह बाद 11 मई को शनि और 14 मई को बृहस्पति भी मकर राशि से प्रतिगामी (वक्री) हो जाएंगे। बृहस्पति अपनी नीच राशि से प्रतिगमन करेगा। परिणामतः बृहस्पति के नीच राशि से प्रतिगमन करने से उच्चतम फल देता है। ऐसे में बृहस्पति का प्रतिगमन निश्चित रूप से मौजूदा स्थिति में तनाव कम करेगा। ज्योतिषाचार्य अंजना गुप्ता ने बताया कि कुंभ राशि में जाते ही मंगल राहु की नवम दृष्टि में आ जाएगा। इससे तूफानी चक्रवात और अग्निकांड में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं कोरोना वायरस से निजात के लिए बाजार में वेक्सीन आने के योग बनेंगे।
30 जून को बृहस्पति धनु राशि में पहुंचेंगे:-
ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा व पं. रत्नेश शास्त्री ने बताया कि मकर राशि से मंगल के जाने से बृहस्पति को बल मिलेगा। वे इस राशि में 30 जून तक रहेंगे। इसके बाद बृहस्पति अपनी राशि धनु में पहुंच जाएंगे। गुरु ग्रह धर्म का प्रतीक, ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। इस वजह से महामारी से बचाव का इलाज मिलने के आसार हैं। विश्व की नकारात्मकता में कमी आएगी और शुभ फलों में इजाफा होगा।