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Thursday, May 7, 2020

एक और वैक्सीन का मनुष्यों पर परीक्षण शुरू, सितंबर में होगी उपलब्ध, भारत भी नही है पीछे

वर्ल्ड डेस्क। एक और वैक्सीन का मनुष्यों पर परीक्षण शुरू हो गया है। जेनेटिक मैटेरियल से तैयार यह वैक्सीन दूसरी वैक्सीन से पूरी तरह अलग है। ये कोशिकाओं को वायरस से लड़ने वाले प्रोटीन बनाने का संदेश देकर संक्रमण को मात देती है। अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक का दावा है कि सफल होने पर सितंबर में आपात स्थिति के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी।
वैज्ञानिकों के अनुसार, वैक्सीन इंजेक्शन से दी जाने वाली इस वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. मार्क मुलिगन का कहना है कि स्वस्थ लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण होगा, क्योंकि वो ट्रायल के दौरान सबसे सुरक्षित रह सकते हैं।
कोशिकाओं में प्रोटीन के संदेश से देगी ताकत
वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस श्वास नलिका से फेफड़ों तक पहुंचकर सभी अंगों को संक्रमित कर रहा है। ये वैक्सीन शरीर की स्वस्थ रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रशिक्षित करने का काम करेगी जिसके जरिए अधिक से अधिक शक्तिशाली एंटीबॉडीज बनेंगी और वो शरीर में संक्रमण खत्म करेंगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन दूसरी वैक्सीन की तुलना में अधिक असरदार है और वायरस को कमजोर करने में पूरी तरह सक्षम है।
12 के बाद 200 लोगों पर ट्रायल:-
फाइजर और बायोएनटेक ने जर्मनी में पिछले महीने बारह स्वस्थ लोगों पर इसका परीक्षण किया था। सकारात्मक परिणाम आने के बाद दोनों कंपनियां अब पंजीकरण कराने वाले 200 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण करेंगी। अमेरिका में पहले चरण में 36 लोगों पर ट्रायल होगा। दूसरे चरण में करीब आठ हजार लोगों को शामिल किया जाएगा।
एम्स और पीजीआई में वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू:-
वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसंधान  परिषद ने कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वैक्सीन का मानव ट्रायल शुरू कर दिया है। यह ट्रायल पहले चरण में दिल्ली एम्स, भोपाल और चंडीगढ़ पीजीआई में किया जा रहा है। सीएसआईआर ने बताया कि भारत सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद 50 गंभीर मरीजों पर इसका प्रयोग शुरू किया है।
यह सभी वेंटिलेटर पर हैं। इन मरीजों का उपचार प्लाज्मा थेरेपी से नहीं किया गया है। ट्रायल के दौरान इनके शरीर पर इस दवा का असर देखा जाएगा। इसके अलावा चार हजार उन मरीजों को भी दवा दी जाएगी जिनकी हालत बहुत गंभीर नहीं है।