पल्लवी शर्मा (स्टेट ब्यूरो हैड पंजाब)
चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य आधारित अल्पसंख्यक दर्जे का विरोध जताया है। कैप्टन ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर पर ही होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। कैप्टन ने कहा कि राज्य स्तर पर अल्पसंख्यक दर्जे से गंभीर सामाजिक और राजनीतिक ही नहीं बल्कि बुरे तकनीकी और कानूनी प्रभाव भी हो सकते हैं। जिससे समाज में विवाद और अशांति पैदा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब में सिखों के अल्पसंख्यक न होने के लिए पिटीशन दायर की गई है। जिस पर कैप्टन ने यह बात कही है।
•सुप्रीम कोर्ट में पंजाब को लेकर दायर हुई पिटीशन
कैप्टन ने कहा कि मुझे पता चला कि सुप्रीम कोर्ट पंजाब में सिख अल्पसंख्यक मामलों को गंभीरता से ले रही है। पिटीशन दायर करने वाले का तर्क है कि पंजाब में सिख अल्प संख्यक नहीं है। इसलिए इन संस्थाओं को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया जा सकता। इसका मतलब यह निकलता है कि किसी भाईचारे के अल्पसंख्यक होने का दर्जा राज्य स्तर पर किया जाना चाहिए। मौजूदा समय में यह नेशनल लेवल पर किया जाता है और वही सही है।
•राज्यों के बीच तनाव संभव, ध्रुवीकरण का भी खतरा
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हो सकता है कि राज्यों के पास सही डेटा न हो। यह भी संभव है कि वह अपने पास उपलब्ध डेटा की अलग व्याख्या करते हों। राज्यों की तरफ से लोकल सामाजिक और राजनीतिक जरूरतों के अनुकूल होने के लिए डेटा के इस्तेमाल की अलग समय-सीमा लागू करने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। अगर ऐसा होता है तो केंद्र और राज्य के विवाद के अलावा अंतर्राज्यीय तनाव बढ़ सकता है। इससे समाज का ध्रुवीकरण हो सकता है। राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंच सकता है।