दिल्ली। पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश ने ठंड एकबार फिर से बढ़ा दी है। इसका उच्च पहाड़ी इलाकों में दिखाई देना शुरू हो गया है। उत्तराखंड में मंगलवार से शुरू हुआ है बर्फबारी और बारिश का दौर गुरुवार को भी जारी रहा।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा उत्तरकाशी में गंगा और यमुना घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में रुक-रुक कर बर्फ गिर रही है। यही हाल चमोली और देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में है।
वहीं, निचले स्थानों पर भी बारिश हो रही है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश में 14 मोटर मार्गों पर यातायात बाधित हो गया है। वहीं, गुरुवार को मैदानी क्षेत्रों में भी सुबह से ही बारिश का दौर जारी रहा। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार शुक्रवार से मौसम के तेवर कुछ नरम पड़ेंगे, लेकिन उच्च हिमालय में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा।
बारिश-बर्फबारी से फिर बढ़ी परेशानी-
प्रदेश में बुधवार रात से जारी बर्फबारी और बारिश की वजह से ठंड ने और विकराल रूप धारण कर लिया है। मौसम के कड़े तेवरों से हिमाचल में 540 सड़कें बंद पड़ी हैं। सबसे अधिक सड़कें मंडी जोन में यातायात के लिए ठप हैं। लाहुल-स्पीति में 28 मरीजों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की गई थी। लेकिन खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर की उड़ान भी नहीं हो पाई।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी लोगों को राहत नहीं मिलेगी। कुल्लू जिले में भारी बारिश से हुए भूस्खलन से 70 बस रूट बंद हैं। इन पर एचआरटीसी की 15 बसें फंसी हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी पर्यटकों को हो रही है। जिले के शिक्षण संस्थान शुक्रवार को बंद रहेंगे। लाहुल-स्पीति में भारी बर्फबारी से हिमखंड गिरने का खतरा बढ़ गया है।
चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गांव बत्ती हट्टी में भूस्खलन की चपेट में आने से तीन मंजिला मकान जमींदोज हो गया। परिवार शादी समारोह के लिए कांगड़ा गया था। ऐसे में किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ। इसके अलावा सड़कों के बंद रहने से लोक निर्माण विभाग को 198 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
गुलमर्ग में फिर बिछी बर्फ की चादर-
राज्य में बुधवार से जारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। वादी के उधा पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का सिलसिला गुरुवार को भी दिनभर जारी रहा। बर्फबारी से गुलमर्ग समेत उधा पर्वतीय इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जबकि निचले इलाकों में बारिश का पानी जमा हो गया है।
जवाहर सुरंग के दोनों किनारों पर बर्फ जमा होने और रामबन क्षेत्र में भूस्खलन से श्रीनगर-जम्मू हाइवे दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। बर्फबारी के चलते उधा पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है।