नई दिल्ली। अपनी कमजोरी पर विजय पाकर कैसे सफल हुआ जा सकता है, यह पेटीएम (Paytm) के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. शर्मा के मुताबिक उनके जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था, जब उनके पास खाने के पैसे तक नहीं थे. पेटभर खाने के लिए वह बहाने बनाकर दोस्तों के पास पहुंच जाते थे. इन सब दिक्कतों के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दिन-रात मेहनत कर 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी. आपको बता दें कि आज फिर से कई अखबारों की सुर्खियों में विजय शेखर शर्मा है. विजय शेखर शर्मा प्राइवेट बैंक यस बैंक (Yes Bank) में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है.
आइए जानें कैसे विजय शेखर शर्मा ने 1 लाख करोड़ रुपये की Paytm खड़ी की...
अमीरों के दौलत को लेकर जानकारी देने वाली फोर्ब्स मैग्जीन के मुताबिक, आज विजय शेखर शर्मा की अपनी नेटवर्थ 18,460 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. मोबाइल वॉलेट क्रांति लाने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है. उनके बारे में कहा जाता है कि वे कभी हार नहीं मानते है. वे साहस बनाए रखने की प्रेरणा चीन की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा और दर्जनों भारतीय समेत दुनियाभर के स्टार्टअप्स को जरूरी फंडिंग करने वाले जापान के सॉफ्टबैक के मासायोशि सॉन से लेते हैं.
देश के गली-नुक्कड़ पर आज Paytm आसानी से मिल जाता है.
मिडिल क्लास फैमिली से अरबपति तक का सफर- विजय शेखर शर्मा की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अलीगढ़ की एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर उन्होंने 18 हजार करोड़ रुपए का व्यक्तिगत एसेट क्रिएट किया है.
हिंदी माध्यम से की पढ़ाई- उनकी शिक्षा सरकारी हिंदी माध्यम के स्कूलों में हुई. दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में अंग्रेजी नहीं बोल पाने की वजह से उन्हें कई बार बड़ी परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. डिक्शनरी से हिंदी को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करके पढ़ते चले गए. आखिरकार इंग्लिश किताबों और दोस्तों की मदद से विजय ने समय रहते फर्राटा अंग्रेजी बोलना भी सीख लिया.
15 साल की उम्र में ही बनाई हिट वेबसाइट:-
महज 15 साल की उम्र में कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही indiasite.net नामक वेबसाइट बना ली थी. किस्मत ने भी उनका साथ दिया और वेबसाइट बनने के महज दो साल बाद ही उन्हें इसके लिए एक मिलियन यानी दस लाख डॉलर की रकम मिल गई.
ऐसे शुरू हुई Paytm- विजय का मन नौकरी में नहीं लग रहा था, अपने ऑफिस आते- जाते समय उन्हें अक्सर खुले पैसों की समस्या का सामना करना पड़ता था. इसी समय तेजी से स्मार्टफोन का उपयोग भी बढ़ रहा था.
>> विजय ने सोचा क्यों न कुछ ऐसा किया जाए कि फोन के माध्यम से ही छोटे मोटे भुगतान हो सकें और लोगों को खुले पैसों की समस्या से मुक्ति भी मिल जाए.
>> इसी विचार को ध्यान में रखकर उन्होंने One97 Communications Ltd. के तहत Paytm.com नाम की वेबसाइट खोली और ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज सुविधा शुरू की.
>> साल 2005 में उन्होंने One97 Communications नामक कंपनी शुरू की थी, जो मोबाइल कंटेंट- जैसे न्यूज, क्रिकेट स्कोर्स, रिंगटोंस, जोक्स और परीक्षाओं के रिजल्ट उपलब्ध कराती थी.
>> इसी कोशिश से 2010 में पेटीएम का जन्म हुआ. उन दिनों भी बाजार में कई वेबसाइटें थीं, जो मोबाइल रिचार्ज की सुविधा देती थीं. लेकिन Paytm का सिस्टम उनकी तुलना में सीधा-साधा और आसान था.
>> Paytm का बिजनेस बढ़ा तो विजय ने Paytm.com में ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज, बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर और online शॉपिंग जैसे फीचर भी जोड़ दिए.
>>विजय को उनके प्रयासों और संघर्ष का फल मिला और आज Paytm भारत का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बन चुका है.