भोपाल। 26 देशों के लोगों से ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाला 'नटवरलाल' अब सलाखों के पीछे पहुंच गया है. मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला यह नटवरलाल सिर्फ 10वीं पास है. एमपी एसटीएफ ने जब इस पर शिकंजा कसा तो इसने ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
इस नटवरलाल पर 10 हजार रुपए का था इनाम:-
इस नटवरलाल ने 26 देशों के लोगों को 'क्रिप्टो करेंसी' के नाम पर करोड़ों रुपये की चपत लगाई है. बता दें कि क्रिप्टो करेंसी वर्चुअल करेंसी है. 'क्रिप्टो-करेंसी' को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. इस नटवरलाल की पहचान जबलपुर निवासी रुपेश राय के रूप में हुई है. इससे पहले एसटीएफ (STF) ठगी के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी. आरोपी रुपेश के लंबे समय से फरार होने की वजह से उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था.
एसटीएफ को शिकायत मिल रही थी कि ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर ठगी की जा रही है. इन शिकायतों की जांच के बाद नवंबर 2018 में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. जांच में खुलासा हुआ कि ऑनलाइन ट्रेडिंग में लोगों को ज्यादा कमीशन देने का लालच देकर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की गई.
रुपेश राय ने सिर्फ भारत के लोगों को ही चूना नहीं लगाया, उसने विदेशी नागरिकों के साथ भी ठगी की. तीन महीने पहले ही एसटीएफ ने दिल्ली से ठगी से जुड़े बृजेश रायकवार और उसकी पत्नी सीमा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद तीन और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इसमें मुख्य आरोपी रुपेश राय की गिरफ्तारी के लिए जबलपुर और मुंबई में दबिश दी गई, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं मिला था.
एसटीएफ के दबाव के कारण आरोपी रुपेश राय ने जिला कोर्ट में सरेंडर कर दिया. एसटीएफ ने गिरोह के मास्टरमाइंड को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. पूछताछ में आरोपी की जबलपुर और मुंबई में करोड़ों की संपत्ति होने का खुलासा हुआ है. मामले की जानकारी एसटीएफ डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने दी है.
26 देशों के 8327 लोगों से जालसाजी:-
एसटीएफ डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि आरोपी ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईटली, जापान, मलेशिया, पाकिस्तान, फिलीस्तीन, पौलेंड, रूस, सिंगापुर, स्विटजरलैंड, इंग्लैंड, तुर्की, अमेरिका, बैंकॉक, चीन समेत 26 देशों के करीब 8327 लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की है. रुपेश राय ने ऑनलाइन ट्रेडिंग का सिस्टम तैयार किया था. उसने हांगकांग से ली गई तकनीक के आधार पर क्रिप्टो करेंसी के तहत गोल्ड यूनियन कॉइन का ईजाद किया था. इस तरह करीब एक साल से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था.