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Saturday, September 14, 2019

भारतीय कंपनी ने स्वेदशी तकनीक से 2 स्नाइपर राइफल बनाकर रचा इतिहास, डेढ़ हजार मीटर है मारक क्षमता

बेंगलुरू। एक भारतीय कंपनी ने स्वदेशी तकनीक से दो स्नाइपर राइफलें बनाकर इतिहास रच दिया है. यह प्राइवेट कंपनी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में है, जिसका नाम एसएसएस डिफेंस है. बेंगलुरू से 28 किलोमीटर दूर जिगानी में इस कंपनी की फैक्ट्री स्थापित की गई है. फिलहाल कंपनी ने इसका प्रतिरूप या मॉडल ही तैयार किया है. इन दोनों बंदूकों को एसएसएस डिफेंस नाम की कंपनी ने बनाया है.
सब कुछ ठीक रहने पर कंपनी इन्हें एक्सपोर्ट करने की भी सोच रही है. सूत्रों के अनुसार, कंपनी का दावा है कि भारत में पहली बार उन्होंने स्वदेशी तकनीक से स्नाइपर राइफल का मॉडल तैयार करके उसे बनाया है. गौरतलब है कि प्राइवेट कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र के रास्ते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही खोले गए थे.
स्नाइपर राइफल का लंबे समय से इंतजार कर रही है सेना:-
सेना लंबे वक्त से स्नाइपर राइफल खरीदना चाहती है, लेकिन अभी तक सेना को ये राइफलें नहीं मिल पाईं हैं. स्नाइपर राइफल के लिए लगभग 20 कंपनियों ने टेंडर भरा था, लेकिन ये कंपनियां बुलेट को सौदे में शामिल नहीं कर रही थी, इसलिए इस राइफल की खरीद पर निर्णय नहीं किया जा सका है.
दोनों स्वदेशी राइफलों में ये हैं विशेषताएं:-
एसएसएस डिफेंस की दो राइफलों का नाम वाइपर और साबेर है. वाइपर राइफल में .308/7.62x51 एमएम की कार्टेज और साबेर राइफल में .338 की कार्टेज लगती है. एसएसएस डिफेंस का दावा है कि वाइपर की रेंज एक हजार मीटर है जबकि साबेर की रेंज लगभग डेढ़ हजार मीटर है. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया है कि दोनों ही राइफलें सेना और सरकारी एजेंसियों को पसंद हैं.
फिलहाल राइफल को टेस्ट में पास कराना है कंपनी का लक्ष्य:-
फिलहाल कंपनी का लक्ष्य अपनी राइफल को टेस्ट में पास कराना है. यदि एसएसएस डिफेंस की राइफल की टेस्ट में पास हो गई तो उसके बाद कंपनी अपनी कई और योजनाओं पर काम करेगी. फिलहाल कंपनी की फैक्ट्री 80 हजार स्कॉयर फीट से संचालित की जा रही है. कंपनी अपने ऑफिस के क्षेत्र में भी विस्तार करना चाहती है. सूत्रों के अनुसार कंपनी आर्म्स के क्षेत्र में 20 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है.