संतोष शर्मा, पोहरी (शिवपुरी)- समूचे देश में बैंकों के अलावा अन्य कंपनियों को एटीएम लगाने की अनुमति देकर सरकार ने खुली लूट करने का लाइसेंस इन कंपनियों को प्रदान कर दिया है जोकि एक लेनदेन के नाम पर ग्राहक के खाते से काफी बड़ी धनराशि काट रही हैं जो कि स्वचालित रूप से और सरकार की मर्जी से हो रहा है, प्रति लेनदेन 23 रुपये 60 पैसे का चार्ज यह कंपनियां काट रही है इसलिए सभी सरकारी बैंकों के ग्राहक सावधान हो जाएं क्योंकि दूसरी कंपनी या दूसरे बैंक के एटीएम से आहरण पर आपको ₹ 24 के जुर्माना जमा करना होता है। अब बात करते हैं उन बैंकों की जो आपको अपना एटीएम कार्ड उपलब्ध कराते हैं बैंक भी एटीएम के नाम पर ग्राहक के खाते से साल में 200 से ₹300 काटते हैं जिसके बारे में आपको जानकारी तब लगती है जब आप अपना स्टेटमेंट या की पासबुक में एंट्री करते हैं। एक ही काम के लिए बैंकों द्वारा दो तीन बार पैसा काटा जाता है 135 करोड़ भारतवासियों के बैंक अकाउंट में यदि कुछ कटौती होती है उसमें से महज 10% लोग ही उसकी शिकायत करते हैं बाकी लोग शिकायत भी नहीं कर पाते और यदि 100 करोड़ लोगों के खाते से ₹100 भी अनावश्यक काटा जाता है तो कितना पैसा इन बैंकों के पास पहुंच रहा है या इस सरकार के पास पहुंच रहा है इसकी कल्पना करना भी संभव नहीं है।
*उन गरीब लोगों का क्या जिनके जनधन खाते खुलवाए गए हैं मोदी सरकार आने के बाद, जो कि वास्तविक तौर पर गरीब हैं उनके खातों से इस तरह की अनावश्यक कटौती या तो बंद होना चाहिए या फिर उनके खाते ही बंद कर देनी चाहिए। क्या फायदा है उन गरीबों को इन खातों से जिस बैंक में खाता है वही बैंक साल में 300 से 500 रु उनके खाते से काट रहा है।
चार्ज की 10,000 निकाले तो ₹100 आपको देना पड़ेगा यह तो लूट है भाई एटीएम कंपनी विज्ञापन से और अन्य स्रोतों से भी अपनी कमाई कर रही है तो फिर प्रति लेनदेन इतना भारी भरकम चार्ज क्यों?