बरेली। (यूपी) पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल मंडल में राजेश से सोनिया पांडेय बने टेक्नीनियन का सरकारी कागजों में नाम बदलने को लेकर रेलवे का डॉक्टर पैनल मंथन करने में लगा है। बोर्ड के आदेश पर राजेश का मेडिकल कराया गया है। एक सप्ताह पहले मेडिकल हो चुका है, लेकिन अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं बन सकी है। रेलवे मेडिकल के आधार पर मेल-फीमेल की मोहर लगेगी। तभी राजेश का नाम सोनिया पांडेय हो सकेगा। राजेश से सोनिया बने इस रेल कर्मी की कहानी मेडिकल में ही उलझी हुई है।
रेल कारखाना इज्जतनगर में कार्यरत राजेश पांडेय ने सात-आठ महीने पहले अपना लिंग परिवर्तन करा लिया। दिल्ली में एक प्राइवेट डॉक्टर के यहां छह महीने तक मेडिकल कोर्स के बाद सर्जरी का ली। राजेश की नियुक्त राजेश पांडेय के नाम से हुई है। सर्जरी कराने के बाद राजेश पांडेय ने कार्मिक विभाग में नाम बदलने को आवेदन किया। गोरखपुर मुख्यालय तक इस संबंध में विधि राय ली गई। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मामले को रेल बोर्ड भेजा गया। वहां से आदेश हुए क्यों ने रेलवे की ओर से मेडिकल कराया जाए। राजेश के पास प्राइवेट मेडिकल है। सरकारी मेडिकल कराकर मेल और फीमल की सही जानकारी की जाए।
रेलवे इंजीनियर राजेश से बनी सोनिया पांडेय की कहानी:-
जेंडर बदलवाने की कई खबरें आपने पहले भी सुनी होगी, लेकिन बरेली के राजेश पांडेय से सोनिया पांडेय बनीं इस रेलवे इंजीनियर का बचपन से ही स्वभाव कुछ अलग था। जन्म के बाद से ही उन्हें लड़कियों की तरह रहना पसंद था।
बोर्ड के आदेश पर गोरखपुर मुख्यालय ने मंडल चिकित्सालय इज्जतनगर में टेक्नीशियन का मेडिकल कराने को डॉक्टरों का पांच सदस्यीय पैनल गठित किया। करीब एक सप्ताह पहले ही राजेश पांडेय उर्फ सोनिया का रेलवे ने मेडिकल कराया। हालांकि राजेश कई दिनों से अस्पताल के चक्कर लगा रहा है, जिससे उसकी मेडिकल रिपोर्ट गोरखपुर मुख्यालय ने बोर्ड तक पहुंच सके। मेडिकल में अलग-अलग डॉक्टर ने ब्लड, हॉर्मोंस, अल्ट्रासाउंड आदि की जांच की गई। जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है, रेल कर्मचारी ने लिंग परिवर्तन के बाद नाम बदलने को लेकर आवदेन किया था। रेलवे की ओर से राजेश का मेडिकल कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट मुख्यालय जाएगी। उसके बाद नाम बदलने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
बचपन से ही गर्ल्स फीलिंग करती थी महसूस:-
इज्जतनगर रेलवे कालोनी में रहने वाले राजेश उर्फ सोनिया पांडेय का कहना है, बचपन से ही मैं गर्ल्स की फीलिंग को महसूस करती थी। परिवार के लोगों ने काफी समझाया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। लड़कियों की तरह ही पहनावा उड़ावा पसंद करती थी। पिता की डैथ के बाद रेलवे में नौकरी लग गई। राजेश के नाम से ही नौकरी ज्वाइन की। इसके बाद कुछ दोस्तों से जानकारी ली। जो दिल्ली में रहते हैं। जो सर्जरी कराकर लिंग परिवर्तन करा चुके थे। मैं उनके पास गई। माता जी के बाद मैंने सर्जरी कराकर लिंग परिवर्तन करा लिया। राजेश से सोनिया पांडेय नाम भी बदल लिया। लेकिन अब सरकारी कागजों में नाम बदलने को आवेदन किया है। रेलवे की ओर से मेडिकल हो चुका है।