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Tuesday, September 10, 2019

ये प्ले स्कूल नहीं मध्य प्रदेश पुलिस के बाल मित्र थाने हैं जनाब..

भोपाल. मध्य प्रदेश के 12 पुलिस थाना परिसरों में बाल मित्र थानों की शुरूआत की जा रही है. भोपाल के एमपी नगर और बैरागढ़ में बाल मित्र थाने बनकर तैयार हैं. ये थाने के एक कमरे में संचालित होते हैं. इन थानों को खोलने के पीछे मकसद बाल अपराधियों और थानों में आने वाले बच्चों को एक खुशनुमा माहौल देना है. इन बच्चों को थाने में न रखकर बाल मित्र थानों में रखा जाएगा. ये सब इसलिए किया गया है, ताकि बच्चों को घर जैसा माहौल मिल सके.
प्ले स्कूल की तरह बाल मित्र थाने:-
एमपी नगर थाना परिसर में तैयार किए गए इस बाल मित्र थाने को प्ले स्कूल की तरह तैयार किया गया है. इस थाने को थाना पुलिस ही संचालित करती है. थाने के एक पुलिसकर्मी को बाल मित्र की जिम्मेदारी दी जाती है. वह यहां जाने वाले बच्चों और उनके परिजनों का रिकॉर्ड रखते हैं. बच्चों को बाल मित्र थाने के अंदर रखने के साथ पुलिसकर्मी उनका विशेष ध्यान रखता है. उन पर बच्चे के लिए खाने से लेकर अलग-अलग  खिलौने  उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी रहती है.
प्ले स्कूल जैसा बनाने की कोशिश:-
बाल मित्र थाने को प्ले स्कूल की तरह डिजाइन किया गया है. इन थानों में जगह प्ले स्कूल की तरह नहीं है, लेकिन सुविधाएं जरूर प्ले स्कूल की तरह देने की कोशिश की जा रही है.
'बचपन बचाओ आंदोलन' के सहयोग से की पहल
अकसर थाने पहुंचने पर अपराध पीड़ित बच्चों, बाल अपराधियों और परिजन के साथ पहुंचने वाले बच्चों को खाकी के साथ कानून का डर सताता है. बच्चे खुद को पुलिस के बीच असहज महसूस करते हैं. बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से पुलिस ने बाल मित्र थानों को चिन्हित पुलिस स्टेशनों में शुरू किया है.
बच्चों को भयमुक्त वातावरण देने का प्रयास:-
इन थानों में बच्चों को अनुकूल माहौल मिलेगा. एक कमरे में बनाए गए थाने की इमारत की दीवारों को चित्रों से सुसज्जित करने के अलावा, कमरे में बिस्तर, कम्प्यूटर, वाटर कूलर, खेलकूद की सामग्री की व्यवस्था की गई है. ये एक प्ले स्कूल की व्यवस्थाओं जैसा है, जहां बच्चों से जुड़ी हर चीज मिलेगी.
बच्चों को भय मुक्त माहौल देंगे बाल मित्र थाने:-
साउथ भोपाल के एसपी संपत उपाध्याय का कहना है कि पुलिस थानों में अपराधिक मामलों को लेकर कई बार परिजनों के साथ बच्चे और बाल अपराधी पहुंचते हैं. ऐसे में बच्चों को एक अच्छा और खुशनुमा माहौल देने के लिए बाल मित्र थानों की शुरूआत की गई है. बच्चों के लिए उनसे जुड़े खिलौने और दूसरी व्यवस्था की गई है.
थाना परिसर में संचालित हो रहे इन थानों की जिम्मेदार पुलिस की है. इसका उद्देश्य सिर्फ बच्चों को भव्य मुक्त माहौल देना है.