बेंगलुरु। भारत देश किस्से कहानियों और रहस्य से भरा देश है यहां अनेक प्रांतों में कई ऐसी रहस्य मौजूद हैं जो सुनने में जितने दिलचस्प लगते है उतनी ही अविश्वसनीय भी होती है हालांकि अविश्वसनीय किस्से कहानियों को सबूतों और पूर्ण सहमति का प्रमाण नहीं मिलती है कुछ लोग इनके होने पर संदेह रखते हैं और कुछ लोग इस पर विश्वास व्यक्त करते हैं।
आज की यह घटना एक अर्बन लेजेंड की है जिसका शब्दावली का अर्थ होता है कुछ ऐसी कहानी जिसकी प्रमाणिकता पर कुछ सवाल या निशान होती है कुछ लोग इसे अफवाह भी मानते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिसे सच मानते हैं इस अर्बन लेजेंड का नाम है अलीबा जिसने 1990 के दशक में अपने दहशत से बेंगलुरु की कुछ हिस्सों को थर थर कांपने पर मजबूर कर दिया था जिसके चलते इसके ऊपर स्त्री नामक एक भूतिया फिल्म भी बनाई गई है।
बेंगलुरु के मलेश्वरम राजाजी गांव से शुरू हुआ यह अर्बन लेजेंड आग की तरह पूरे बेंगलुरु में फैल चुका था यहां एक चुड़ैल आधी रात को लोगों का घर का दरवाजा खटखटाती थी और घर के ही किसी सदस्य की आवाज में उन्हें पुकारती थी अगर कोई दरवाजा खोल देता था तो वह मर जाता था।
शुरुआत में गांव के लोगों को यह बात विश्वास करने लायक नहीं लगी और लोग इन बातों को नकारने लगे लेकिन कुछ ही दिनों में इस चुड़ैल और उसकी शिकार हुए लोगों को,की अनेकों खबरें आने लगी और इन दोनों गांव में चुड़ैल का डर और भी पैर पसारने लगा महश कुछ दिनों में ऐसी कुछ घटना सामने आई जिसमें लोग उस चुड़ैल का शिकार बने स्थानीय लोग और अंतर देश का इस विचित्र चर्चित घटना का चर्चा ही करते ही दिखाई देते थे इससे बचने का कोई भी उपाय नहीं सूझ रहा था सूर्यास्त के बाद सभी परिवार अपने अपने घरों में कैद हो जाते थे चाहे कितना भी जरूरी काम क्यों ना हो वह दरवाजा रात में नहीं खोलते थे।
एक रात एक औरत को जब उसके पति की आवाज में बाहर से पुकारा गया तो औरत बेहद डर गई थी क्योंकि उसका पति उसी के साथ सोया हुआ था घबराहट में वह लड़की उठी और खिड़की से बाहर झांक कर देखा लेकिन बाहर कोई भी नहीं था फिर जैसे ही वह वापस सोने जाने लगी फिर से उसे वही आवाज सुनाई पड़ा अब यह महिला समझ चुकी थी कि यह आवाज उसी चुड़ैल की है उस औरत ने कांपते हुए सर में कहा नालेबा, नालेबा का अर्थ होता है कल आना उसके बाद से वह आवाज आना बंद हो गई लेकिन अगली रात उस महिला के साथ फिर से ऐसा हुआ और नालेबा कहते हुए घर से बाहर से आवाज आना बंद हो गई और उस चुड़ैल से बचने के लिए नुस्खा लोगों में प्रचलित हो गया और सभी गांव वाले अपने घर के दीवार पर नालेबा लिख दिया और उसके बाद भी चुड़ैल नहीं आने लगी।