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Sunday, September 15, 2019

भोजन में शामिल करें ये मोटा अनाज, बीमारियों को दूर करने के साथ शरीर भी रखता है ठंडा

नई दिल्‍ली। ज्वार एक स्वास्थ्यवर्धक मोटा अनाज है। पूरी दुनिया में इसकी दो दर्जन से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन ज्वार की केवल एक ही किस्म जिसे बायकलर ज्वार कहते हैं, जिसे मनुष्य खा सकता है। ज्वार की रोटी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। औषधीय गुणों के साथ इसमें पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। गर्मी के मौसम में ज्वार का सेवन शीतलता प्रदान करता है। आइए जानते हैं, ज्वार को अपने भोजन में शमिल करने से क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।
रोगों के लिए रामबाण:-
इसमें मौजूद में एंटीऑक्सीडेंट कैंसर को रोकने में सहायता करते हैं। इसमें मौजूद आयरन की एनीमिया के खतरे को कम करता है। ज्वार की रोटी आपको सीलिएक नामक एलर्जी से सुरक्षित रखती है। इसमें अति आवश्यक विटामिन बी 3 का एक प्रकार पाया जाता है, जिसे नियासिन कहते हैं। यह नियासिन भोजन को ऊर्जा में रूपांतरित करके, शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाने का कार्य करता है।
ज्वार में पाए जाने वाले दो प्रकार के खनिज, कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के ऊतकों के समुचित विकास के महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर आपकी भूख को नियंत्रित रखता है, जिसके कारण आपके खाने की मात्रा कम हो जाती है और काफी समय तक आपको भूख का एहसास नहीं होता, जो आपको अपना वजन घटाने में सहायता करता है।
ज्वार के चोकर में एक प्रकार का एंजाइम पाया जाता है, जिसे टेनिन कहते हैं। यह एंजाइम हमारे शरीर द्वारा स्टार्च के अवशोषण पर उचित रोक लगा कर, शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को संतुलित व नियमित करने में सहायता करता है, जिसके कारण मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के ग्लूकोज के स्तर में तेजी से होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिलती है, और इस वजह से मधुमेह के दौरे और उससे उत्पन्न अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को रोकने में भी मदद मिलती है।
घरेलू इलाज में मददगार:-
इसका आटा पानी में घोलकर लेप करने से शरीर की जलन दूर हो जाती है। भुनी हुई ज्वार जिसे ‘फ्ल्या’ या ‘खील’ कहते हैं। बतासों के साथ खाने से पेट की जलन ठीक हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि पीलिया रोग होने पर इसके बीजों को उबालकर रोगी को इसका पानी देने से रोग दूर हो जाता है। ज्वार के आटे को पानी में मिलाकर रात में गाढ़ा उबाल लिया जाए और अंधेरी जगह में रख दिया जाए, सुबह इसमें जीरा और छाछ मिलाकर पीने से पेट की जलन कम होती है। इससे एसिडिटी में काफी फायदा होता है।