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Friday, September 20, 2019

EXCLUSIVE: ISI और पाकिस्तान आर्मी की खतरनाक साजिश, जेहादी ले रहे न्यूक्लियर वॉर की ट्रेनिंग

आईएसएई और पाकिस्तान आर्मी एक ऐसी खतरनाक साजिश रच रहे हैं जो सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को तबाही के रास्ते पर ले जा सकती है. जरा सोचिए, अगर परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) आतंकियों के हाथ लग जाए तो उसका अंजाम क्या होगा? लेकिन आतंकियों के लिए 'सेफ हेवेन' माने जाने वाले पाकिस्तान को इससे कोई सरोकार नहीं.
खुफिया एजेंसियों को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान चीन की फंडिग और उसकी तकनीक का इस्तेमाल करके आतंकियों को न्यूक्लियर वॉरफेयर की ट्रेनिंग मुहैया करा रहा है. खुफिया इनपुट के मुताबिक सीपीईसी (China Pakistan Economic Corridor) में चीन ने जो न्यूक्लियर मैन्युफैक्चरिंग और डिफेंस यूनिट बनाई है उसमें तकरीबन 80 फीसदी तहरीक-ए-तालिबान और तालिबान की विचारधारा से प्रभावित लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं.
पाकिस्तान ने खर्च किए 912 मिलियन डॉलर:-
इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को पाकिस्तान ने 912 मिलियन डॉलर की लागत से बनाया है. ये है पाकिस्तान चाइना टेक्निकल और वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, ग्वादर और सेटेलाइट रिसर्च सेंटर. ये ग्वादर और बलूचिस्तान के अलावा तीन और जगहों पर है.
इसके अलावा सीपीईसी में ही पाकिस्तान और चीन के ज्वाइंट वेंचर से तैयार एक अर्ली वार्निंग सिस्टम बनाने का इंस्टीट्यूट भी है. वहां भी ऐसी ही जेहादी विचारधारा के लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा पाकिस्तान चीन को विश्वास में लेकर ग्वादर के तुरबत इलाके से लेकर बलूचिस्तान के खुजदर तक रोड बनवा रहा है ताकि आतंकियों का गढ़ माने जाने वाले इन इलाकों में आतंक का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके.
चीन फंसता दिख रहा इस खेल में:-
पाकिस्तान के इस डबल गेम में चीन भी फंसता नजर आ रहा है. दरअसल पाकिस्तान इन इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षित किए गए जेहादियों का इस्तेमाल चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों को समर्थन देने के लिए करेगा. कहा जाता है कि शिनजियांग में चीन क़रीब दस लाख मुसलमानों को एक तरह की हिरासत में रखा है. हालांकि चीन ने इन ख़बरों का कई बार खंडन किया है. लेकिन इस दौरान शिनजियांग में लोगों पर निगरानी के कई सबूत भी सामने आए हैं.