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Tuesday, October 22, 2019

करवाचौथ पर सुबह से भूखी 7 माह की गर्भवती पत्नी से सिपाही ने की हैवानियत, केस दर्ज

ग्वालियर। करवाचौथ पर सुबह से भूखी-प्यासी 7 माह की गर्भवती पत्नी को सिपाही ने जमीन पर पटककर लात घूसों से पीटा। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो बेल्ट से पीटा फिर सिर दीवार में दे मारा। घायल महिला रात भर घर में बंद रही। घटना हजीरा थाना शासकीय क्वार्टर की है। सुबह पीड़िता का भाई उसे लेकर सीधे महिला थाना पहुंचा। पर महिला थाना पुलिस की असंवेदनशीलता एक बार फिर सामने आई है। पीड़िता की सुनवाई नहीं की। इसके बाद पीड़िता ने हजीरा थाना में शिकायत की। हजीरा थाना पुलिस ने सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सिपाही कार के लिए 5 लाख रुपए की मांग कर रहा था, जो पूरी नहीं होने पर मारपीट की।
हजीरा थानाक्षेत्र स्थित शासकीय क्वार्टर यमुना ब्लॉक निवासी मुकेश कुशवाह पुत्र शोकीराम कुशवाह पुलिस आरक्षक है। अभी वह हजीरा थाना में ही पदस्थ है। 22 अप्रैल 2015 को उसकी शादी भिंड मालनपुर निवासी प्रीति कुशवाह के साथ हुई थी। शादी में प्रीति के पिता ने 11 लाख रुपए नगद के अलावा हर वह सामान दिया था जो घर गृहस्थी में जरुरी होता है। पर शादी के बाद से ही ससुराल से प्रीति को परेशान करने बात आने लगी। अभी प्रीति 7 महीने की गर्भवती है।
17 अक्टूबर करवाचौथ के दिन उसने भी अन्य महिलाओं की तरह पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखा था। ऐसी अवस्था में भी सुबह से भूखी-प्यासी पति के आने का इंतजार कर रही थी, लेकिन रात 11 बजे तक वह घर नहीं आया। कॉल करने पर वह रात को घर पहुंचा तो प्रीति पर नाराज होते हुए उसकी मारपीट शुरू कर दी। सिपाही मुकेश ने पत्नी को जमीन पर पटककर लातों से पीटा। फिर दीवार में सिर दे मारा। उसके पेट में बच्चा है इस पर भी रहम नहीं किया। रात भर उसे कमरे में बंद रखा। सुबह भाई को बुलाकर पीड़िता अपने घर पहुंची और वहां से महिला थाना। महिला थाना ने एक नहीं सुनी। हजीरा थाना पहुंचकर शिकायत की। जिस पर रविवार को मामला दर्ज किया।
पहले भी पीटा था तब बच्चे को खोया था:-
प्रीति ने पुलिस को बताया कि इससे पहले भी मुकेश ने उसके साथ मारपीट की थी। करीब डेढ़ साल पहले की घटना है। तब वह दो माह की गर्भवती थी। उस समय उसके पेट में लात मारकर उसके बच्चे को मार दिया था।
कार के लिए चाहिए 5 लाख:-
मारपीट का कारण दहेज में 5 लाख रुपए की मांग है। पीड़िता ने बताया कि मुकेश कार के लिए 5 लाख रुपए मायके से लाने के लिए कह रहा था। जब रुपए नहीं दिए तो मारपीट करता था।
थानों में पीड़ितों से कैसा होता है व्यवहार:-
पिछले कुछ दिनों मं थानों में पीड़ितों के साथ होने वाले व्यवहार ने पुलिस की आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार की कलई खोल कर रख दी है। जनकगंज थाना पुलिस ने 54 दिन तक दुष्कर्म पीड़िता का आवेदन छुपाकर रखा। धमकाने वाले आरोपित के मां-पिता पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिस कारण दुष्कर्म पीड़िता ने फांसी लगा ली। जनकगंज पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं। इसके बाद महिला थाना प्रभारी एक युवती की शिकायत को 1 साल तक बिना एफआईआर करे लटकाए रखा। युवती के पिता ने शर्म के चलते फांसी लगाकर दी थी जान। उसके बाद भी अफसरों ने एक्शन नहीं लिया। 5 घंटे तक शव रखकर सड़क पर बैठे रहे तब म हिला थाना प्रभारी को सस्पेंड किया।