नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन और ATM के जरिए ट्रांजेक्शन यानी पैसों के लेन-देने करने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. डेबिट कार्ड समेत खातों से अन्य तरह के ट्रांजेक्शन फेल होने पर इनसे निपटने के लिए बैंकों के पास अब कुछ ही दिन ही मिलेंगे. मतलब साफ है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस करते वक्त खाते से पैसे तो कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता. वहीं, ATM यानी डेबिट कार्ड स्वाइप करते वक्त भी कई बार ऐसा होता है. ऐसे में ग्राहकों को टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इसके लिए नए दिशा-निर्देश तय किए हैं, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी.
>> किसी मर्चेंट को पेमेंट करते वक्त अगर खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता है तो इसे फेल्ड ट्रांजैक्शन कहा जाता है.
>> आरबीआई ने ई-कॉमर्स पेमेंट को और सुविधाजनक तथा सहूलियतभरा बनाने के लिए शुक्रवार को टर्न अराउंड टाइम (TOT) पर जारी अपनी गाइडलाइंस में स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों को 'फेल्ड डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस' के मुद्दे को पांच दिनों के भीतर सुलझाना होगा.
>> इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने फेल्ड एटीएम, स्वाइप मशीन तथा आधार ऐनेबल्ड पेमेंट्स (AEPS) ट्रांजैक्शंस का मुद्दा पांच दिनों के भीतर तथा आईएमपीएस से जुड़े फेल्ड ट्रांजैक्शंस का मुद्दा एक दिन के भीतर सुलझाने का निर्देश दिया है.
RBI ने बदला ट्रांजेक्शन से जुड़ा नियम:-
RBI ने बीते 20 सितंबर को इस संबंध में एक सर्कुलर (RBI Circular on Failed Transaction) जारी किया है, जिसमें टर्न अराउंड टाइम (TAT) को लेकर दिशा निर्देश दिया गया है.
>> रिजर्व बैंक ने सभी पेमेंट ऑपरेटर्स (Payment Operators) को इस तरह के फेल ट्रांजैक्शन को तय अवधि के अंदर निपटाने का का निर्देश दिया है.
>> आरबीआई ने साफ किया है कि यदि इस तरह के मामलों को समय रहते हुए नहीं निपटाया जाता है तो बैंकों को इसके लिए हर्जाना भरना होगा. इन निर्देशों के बारे में आप आरबीआई की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं.
RBI ने जारी किए नए नियम:-
1. खाते से पैसे कट जाने और एटीएम से कैश न निकलने पर 5 दिन से अधिक की देरी होती है कि इसपर 100 रुपये प्रति दिन का हर्जाना मिलेगा.
2. खाते से पैसे कट जाने के बाद भी भेजे गए व्यक्ति के खाते में पैसे नहीं पहुंच और इसमें 1 दिन से अधिक की देरी होती है तो 100 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना.
3. खाते से पैसे कटने के बाद भी मर्चेंट को कंफर्मेशन न मिले और इसमें 5 दिन की देरी के बाद 100 रुपये प्रतिदिन का हर्जाना. ई—कॉमर्स साइट के मामले में भी यही नियम लागू होता है.
4. किसी भी तरह के यूपीआई या आईएमपीएस से ट्रांसफर करने पर अगर भेजे गए व्यक्ति को पैसे नहीं पहुंचते हैं तो इसके लिए 1 दिन बाद 100 रुपये प्रतिदिन का हर्जाना होगा.
5. यूपीआई पेमेंट पूरा होने के बाद मर्चेंट को कंफर्मेशन न मिलने पर 5 दिन की देरी के बाद 100 रुपये का हर्जाना. आधार इनेबल्ड पेमेंट सर्विसेज के मामले में भी यही नियम लागू होता है.