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Thursday, October 24, 2019

कमलनाथ सरकार MP के किलों और महलों में लगवाएगी शादी के 'सात फेरे' डेस्टिनेश वेडिंग का है प्लान

भोपाल. कमलनाथ सरकार लोगों का हसीन सपना पूरा करने जा रही है. ये सपना डेस्टिनेश वेडिंग का है. महलों और भव्य किलों में सात फेरे लेने का है. सरकार प्रदेश की हेरिटेज बिल्डिंग्स के दरवाज़े शादी-ब्याह के लिए खोलने का प्लान कर रही है. आम लोग भी अब इन ऐतिहासिक इमारतों में अपनी और अपने नाते-रिश्तेदारों की शादी करा सकेंगे.
शादी के साथ एमपी की याद:-
कभी शाही शादियों और शान-ओ- शौकत के केंद्र रहे मध्य प्रदेश के किले-महलों और भव्य ऐतिहासिक इमारतों में जल्द ही आम लोग भी शादी कर सकेंगे. कमलनाथ सरकार टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए अब हैरिटेज बिल्डिंग्स और महलों के दरवाजे शादियों के लिए खोलने की तैयारी में है. एमपी सरकार ने बड़े पर्यटन स्थलों पर आम लोगों को शादी समारोह करने की छूट देने का मन बना लिया है. इसके लिए टूरिज्म पॉलिसी में बदलाव का मसौदा तैयार है. सरकार पूरे प्रदेश में 10 ऐसे वेडिंग डेस्टिनेशन तैयार करेगी जहां लोग पैसा देकर शादी समारोह आयोजित कर सकेंगे.
कोलकाता में आया ख़्याल:-
शादी समारोह को यादगार बनाने और भव्य आयोजन की इच्छा रखने वालों के लिए मैरिज डेस्टिनेशन डेव्लप करने का प्लान है.प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल के मुताबिक एमपी में मैरिज डेस्टिनेशन की भरपूर संभावना है. कोलकता में हुई काॉफ्रेंस में ये आइडिया आया था. आजकल राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों में डेस्टिनेशन वैडिंग का चलन है और इसके लिए स्पॉट भी तैयार हैं.
मांडू-ओरछा बनेंगे गवाह:-
मध्य प्रदेश में भी किले-महल और वॉटर बॉडी की कमी नही है. वहां इस तरह के डेस्टिनेशन विकसित किए जा सकते हैं. सरकार की नजर ओरछा, मांडू, पचमढ़ी, हनुवंतिया टापू जैसे पर्यटन स्थलों पर है. इन्हें शादी के लिहाज़ से विकसित किया जाएगा. पर्यटन विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है. बस अब मुख्यमंत्री कमलनाथ और कैबिनेट की मंजूरी का इंतज़ार है.
एक पंथ दो काज:-
सरकार की कोशिश है कि इसके ज़रिए प्रदेश में पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाए. साथ ही जिन हैरिटेज बिल्डिंग के मेंटनेंस पर सरकार का हर साल करोड़ों रुपए खर्च हो रहा है,उसकी भरपाई शादी समारोह से होने वाली आय के जरिए की जा सके. विभाग के अफसरों ने पड़ौसी राज्यों से फीडबेक लेकर मसौदा तैयार किया है. सरकार शुरुआती तौर पर कुछ पैसा अपनी जेब से खर्च करेगी और कुछ जगह निजी क्षेत्र की मदद ली जाएगी. पुरानी इमारतों को नुक़सान न पहुंचे. इसके लिए कुछ मानक तय किए जा रहे हैं.ताकि जीवन के साथ में मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान भी नये जोड़ों को हमेशा याद रहें.