मुरैना. भारत में गंगा-जमुनी तहजीब की कई मिसालें आपने सुनी होंगी। मध्यप्रदेश में भी हिन्दू-मुस्लिम एकता का एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला है। यहां बीते बीस सालों से एक मुस्लिम हिन्दुओं को गीता और रामयण का मौखिक पाठ करके सुनाते हैं और लोगों को गीता और रामायण के महत्व को बता रहे हैं। उनकी यही छवि देश में एकता, भाईचारे और सद्भाव की मिसाल पेश करती है।
दरअसल, मुरैना जिले के जींगनी गांव के रहने वाले मौलाना रमजानी को गीता और रामायण मौखिक याद है। उनको जितना कुरान और मुस्लिम धर्म ग्रंथ के बारे में जानकारी है उससे कहीं ज्यादा जानकारी उन्हें गीता और रामायण की है। अंचल के कई गांवों के हिंदुओं के यहां वह गीता और रामायण का प्रवचन करे भी जाते हैं। देश के हिन्दू-मुस्लिमों के बीच एक-दूसरे को लेकर जो कटुता का भाव है उनके लिए मौलाना रमजान एक मिसाल हैं।
गीता और कुरान का भी करते हैं पाठ:-
मौलाना रमजान के दिनचर्या की बात करें तो गांव के लोगों का कहना है कि वो सुबह किसी हिन्दू के घर में गीता या रामायण का पाठ करते मिलते हैं तो दोपहर में मुस्लिमों के साथ कुरान पढ़ते नजर आते हैं। उनके व्यवहार को देखकर जब भी आसपास में कोई भी धार्मिक आयोजन होता है तो गांव के लोग उन्हें रामायण पाठ के लिए बुलाते हैं और मौलाना रमजान भी बिना किसी झिझक के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। मौलाना रमजान की उम्र 61 साल है।
45 साल से पढ़ कर रहें हैं:-
मौलाना रमजान का कहना है कि मैं 45 साल से गीता और रामायण का पाठ कर रहा हूं। गीता रामायण के अलावा मैंने कई धार्मिक ग्रंथ पढ़े हैं।
घर में धार्मिक ग्रंथों का स्टॉक:-
मौलाना रमजान के घर में धार्मिक ग्रंथों का स्टॉक है। गीता, रामायण समेत हिन्दू धर्म की कई पुस्तकें उनके घर में हैं और वो उसका नियमित अध्ययन करते हैं। मौलाना रमजान को गांव में चतुर्वेदी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने नाम के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि मैं जब लोगों के घर में रामायण और गीता का पाठ करने जाता हूं मुझे किसी पुस्तक की जरूरत नहीं होती है। मैं बिना पुस्तक के ही पाठ करता हूं और प्रवचन देता हूं जिस कारण से उन्हें चतुर्वेदी कहा जाना लगे।