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Friday, November 29, 2019

भारत ने किया एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण, भारतीय सेना की ताकत और बढ़ी

महू (इंदौर)। मध्यप्रदेश के महू में भारतीय सेना ने स्पाइक गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल ( anti tank guided missiles ) का परीक्षण किया। यह मिसाइल भारतीय सेना के बेड़े में हाल ही में शामिल हुई है। इसे जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर तैनात किया गया है।
मध्यप्रदेश के महू (MHOW) में सैनिक छावनी है। जिसे अब डा. अंबेडकर नगर नाम से जाना जाता है। भारतीय सेना ( indian army ) ने यहां बुधवार को स्पाइक गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
इससे पहले मंगलवार को सेना की दो साल में होने वाली कमांडर कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। इसके दूसरे दिन कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत सहित सेना के अन्य अधिकारी भी पहुंचे। थल सेनाध्यक्ष बुधवार रात महू पहुंचे। वे सैन्य संग्रहालय गए और उन्होंने एंटी टैंक मिसाइल का अवलोकन किया।
कितनी शक्तिशाली है यह मिसाइल:-
भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुई यह मिसाइल इजराइल में बनी है। स्पाइक नाम की इस मिसाइल को जम्मू-कश्मी में उत्तरी कमान के युद्ध क्षेत्र में एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर तैनात किया गया है। इससे पाकिस्तान के साथ लगी भारत की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो गई है। इस मिसाइल को दागो और भूल जाओ जैसे शब्दों से पुकारा जाता है। यह पूरी तरह से पोर्टेबल है और शक्तिशाली इतनी है कि टैंक को नष्ट कर सकती है और 4 किलोमीटर के दायरे में बंकर को भी तबाह कर सकती है।
210 मिसाइल और 12 लॉंचर शामिल:-
सेना के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि एंटी टैंक मिसाइलों और इनके लांचर्स को उत्तरी युद्ध क्षेत्र में एलओसी के पास तैनात किया गया है। 16-17 अक्टूबर से इसे भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। भारतीय सेना वर्तमान में इस मिसाइल का इस्तेमाल भी कर रही है। इजराइल ने भारतीय सेना को 'आपातकालीन खरीद' प्रोजेक्ट के अंतर्गत 280 करोड़ रुपए के सौदे में कुल 210 मिसाइलों और 12 लॉन्चरों की आपूर्ति की थी।
काफी समय से था इंतजार:-
भारत के बालाकोट में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकी शिविरों पर हवुई हालों के बाद से ही भारतीय सेना की ओर से सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाने बाद से इस मिसाइल की जरूरत महसूस की जा रही थी। एटीजीएमएस की मारक क्षमता चार किमी तक है और इनका इस्तेमाल एलओसी के करीब बंकर, शेल्टर, घुसपैठ के अड्डों और आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है।