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Saturday, November 30, 2019

प्रदेश में यूरिया संकट पर सख्त हुई सरकार दिए कालाबाजारियों पर कार्रवाई के निर्देश सीएम का बड़ा बयान

भोपाल/ मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से यूरिया की किल्लत की खबरें आ रही हैं। यूरिया के लिए किसान कहीं-कहीं लंबी कतार में नजर आ रहे हैं। ऐसे में सीएम कमलनाथ ने यूरिया किल्लत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि प्रदेश में यूरिया का कोई संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, मध्यप्रदेश के कई जिलों से यह तस्वीरें सामने आ रही थी कि यूरिया के लिए लोग सुबह से शाम तक लाइन में लग रहे हैं। यूरिया की किल्लत के पीछे अफसरों का तर्क था कि दोगुना छिड़काव की वजह से दिक्कत हुई है। अब सीएम कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में यूरिया का कोई संकट नहीं है। किसान भाई चिंतित ना हो, यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार निरंतर प्रयासशील है। हम निरंतर केंद्र सरकार से यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर संवाद और आग्रह कर रहे हैं।
यूरिया की किल्लत नहीं होने दी जाएगी:-
सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के किसान भाइयों को यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति के हिसाब से यूरिया का वितरण निरंतर किया जा रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले हमने अभी तक ज्यादा मात्रा में यूरिया की उपलब्धता और बिक्री सुनिश्चित की है।
कालाबाजारी रोकने को निर्देश जारी:-
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में किसान भाइयों को यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर और कालाबाजारी रोकने को लेकर पूर्व में ही सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
यूरिया की कालाबाजारी:-
दरअसल, मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत कालाबाजारी की वजह से बढ़ गई थी। अब सीएम ने भी कालाबाजारी रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि कालाबाजारी के साथ-साथ प्रदेश में बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। किसानों और जमाखोरों के बीच बिलौलिए के आ जाने से प्रदेश में यूरिया की किल्लत और बढ़ गई है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही यूरिया का रैक मध्यप्रदेश में आने वाला है।
18 लाख मीट्रिक टन की है जरूरत:-
मध्यप्रदेश में रबी सीजन के लिए यूरिया की जरूरत 18 लाख मीट्रिक टन है। लेकिन खबर है कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश की जरूरतों में कटौती की है। अगर जरूरत के हिसाब से यूरिया की सप्लाई नहीं होती है तो मध्यप्रदेश के किसानों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। साथ ही कालाबाजरी करने वाले लोगों की चांदी हो जाएगी। हालांकि सरकार ने भरोसा दिया है कि किसानों को दिक्कत नहीं होगी।