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Saturday, November 30, 2019

इसको कहते है लोकप्रियता, नाम के आगे से एक लाइन हटाते ही प्रदेश व देश की राजनीति में आया भूचाल, अब यहां से भी सिंधिया ने हटाया कांग्रेस का नाम, चुप्पी पर लोग 'कंफ्यूज'

ग्वालियर/ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्टैंड से पार्टी तो टेंशन में है। लेकिन लोग कंफ्यूज हैं कि आखिर सिंधिया चाहते क्या हैं। पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया। अब उन्होंने अपने लेटरपैड से भी कांग्रेस का नाम हटा लिया है। हालांकि पार्टी के लोग यह दावा कर रहे हैं कि सिंधिया बिल्कुल कांग्रेस में हैं और वह कहीं नहीं जा रहे हैं।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तो किसी को भी चिट्ठी लिखते थे तो उनके नाम के नीचे लिखा होता था कि पूर्व सदस्य लोकसभा, पूर्व मुख्य सचेतक, कांग्रेस पार्टी। उन्होंने 26 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री कमलनाथ को ग्वालियर को मेट्रोपोलिटन शहर में शामिल करने के लिए एक चिट्ठी लिखी थी। उस लेटर पैड पर कांग्रेस का जिक्र था।
लेटर पैड से कांग्रेस गायब:-
अब उन्होंने 27 नवंबर 2019 को मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ के नाम एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने अपने नाम के नीचे न तो लोकसभा के पूर्व सदस्य लिखा है और न ही पार्टी का जिक्र किया है। उसमें उन्होंने सिर्फ अपना नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया लिखा है। सिंधिया ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है कि चंबल संभाग के सम्यक विकास के लिए चंबल एक्सप्रेसवे का प्लान मध्यप्रदेश सरकार ने बनाया था। इसमें भिंड को भी शामिल किया जाना था, लेकिन अब भिंड इसमें नहीं है। उन्होंने सीएम को लिखा है कि भींड को भी इसमें शामिल किया जाए।
चिट्ठी के बाद फिर हलचल:-
हालांकि बायोग्राफी से कांग्रेस हटाने के बाद सिंधिया ने यह सफाई दी थी कि यह वह काफी लंबा था। इसलिए लोगों की सलाह पर हटा लिया। लेकिन लेटर हेड से कांग्रेस पार्टी का नाम हटाने पर उनकी तरफी से कोई सफाई नहीं आई है। कांग्रेस पार्टी तो सिंधिया के इरादे से भलीभांति वाकिफ है लेकिन लोग अभ कंफ्यूज हो रहे हैं कि आखिर सिंधिया चाहते क्या हैं। इशारों-इशारों की बात छोड़ दें तो वह पार्टी के खिलाफ कभी कुछ खुलकर बोलते नहीं।
बगावत नहीं:-
ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता उनके स्टैंड को लेकर कह रहे हैं कि ऐसी कोई बात नहीं नहीं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा है कि आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी तरह कि विद्रोह की परिकल्पना निराधार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी के शिल्पकारों में एक हैं। उनकी लोकप्रियता प्रदेश के साथ संपूर्ण देश में है। कमलनाथ जी और उनके बीच में प्रगाढ़ता है। सिंधिया जी से मेरी बात हुई और शीघ्र भेंट होगी।
कांग्रेस को दिया क्या है:-
प्रोफाइल बदलने के बाद कांग्रेस के नेता और लखनऊ से लोकसभा के प्रत्याशी रहे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखा वार किया था। उन्होंने लिखा था कि सवाल ये नहीं है कि आपने प्रोफाइल कब बदला, बड़ा सवाल ये है कि क्यूं बदला। ज्योतिरादित्य सिंधिया जी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश के लोकप्रिय नेता हैं। उनके द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस हटाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।