भोपाल। पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुदारे ( gurudwara ) जाने के इच्छुक मध्यप्रदेश के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। मध्यप्रदेश सरकार अब करतारपुर साहिब के दर्शन कराने वाली है। कमलनाथ सरकार के अध्यात्म विभाग मंत्रालय ने इसके लिए आदेश जारी कर करतारपुर साहिब का नाम भी तीर्थ दर्शन योजना में जोड़ दिया है। अब जल्द ही सरकार करतारपुर साहिब ( kartarpur sahib ) जाने के लिए विज्ञापन जारी करेगी। गौरतलब है कि हाल ही में 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अब मध्यप्रदेश के बुजुर्गों के लिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए ले जाएगी। मध्यप्रदेश की सरकार फिलहाल 29 तीर्थ स्थलों की यात्रा बुजुर्गों को निशुल्क करवा रही है। गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को सिख संगत ने पाकिस्तान जाकर श्री करतारपुर साहिब के दर्शन किए। इसी दिन से यह दर्शन की सुविधा शुरू हुई है। 72 साल से देशभर के लाखों सिख जिस गुरुघर के दर्शन दूरबीन से किया करते थे।
मध्यप्रदेश शासन के अध्यात्म विभाग मंत्रालय की तरफ से बुधवार को इसके आदेश जारी हो गए। इसके मुताबिक पिछली सरकार की अधिसूचना में नियमानुसार संशोधन के बाद वर्तमान तीर्थस्थलों की सूची में करतारपुर साहिब पाकिस्तान का नाम जोड़ दिया गया है।
इन स्थानों पर होती है तीर्थदर्शन यात्रा:-
बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, शिर्डी, तिरुपति, अजमेर शरीफ, काशी (वाराणसी), गया, अमृतसर,
रामेश्वरम्, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला, वेलाकानी चर्च (नागपट्टनम ), रामदेवरा, जेसलमेर, गंगासागर, कामाख्या देवी, गिरनार जी, पटना साहिब शामिल हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के तीर्थ स्थलों में उज्जैन, मैहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मुडवारा शामिल हैं।
यह भी है शामिल:-
रामेश्वरम्-मदुरई, तिरुपति–कालहस्ती, द्वारका-सोमनाथ, पूरी-गंगासागर,
हरिद्वार-ऋषिकेश, अमृतसर–वैष्णोदेवी, काशी–गया।
कौन कर सकता है यात्रा:-
-मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
-आयकर दाता न हो।
-60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चूका हो।
-महिलाओ के मामले में 2 वर्ष की छुट अर्थात 58 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हो।
-ऐसे दिव्यांग नागरिक जिनकी विकलांगता 60 प्रतिशत से अधिक हो, आयु का बंधन नहीं है।
-यदि पति–पत्नी साथ यात्रा करना चाहते है तो पति/पत्नी में से किसी एक को पत्रता होने पर जीवन साथी भी यात्रा पर जा सकता है, भले ही उसकी आयु 60 वर्ष से कम हो।
-इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति को अपने जीवन काल में नाम निर्दिष्ट किसी एक तीर्थ स्थल का एक बार तीर्थ यात्रा का लाभ दिए जाने का प्रावधान।