बीजिंग। पारंपरिक चीनी चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली खाल की मांग की वजह से गघों की आबादी गंभीर खतरे में आ गई है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, गधे की खाल से जिलेटिन का निर्माण किया जाता है, जो चीन के पसंदीदा पारंपरिक उपचारों में से एक है, जिसे इजिआओ (ejiao) के नाम से जाना जाता है। इसका इस्तेमाल सर्दी से लेकर अनिद्रा तक की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
द डंकी सैंक्चुअरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईजिआओ के उत्पादन के लिए 50 लाख खाल की जरूरत होगी, जिसे पूरा करने के लिए इंडस्ट्री को अगले पांच साल में दुनिया के मौजूदा गधों में आधे से अधिक की जरूरत होगी। पिछले छह वर्षों में ईजिआओ उद्योग तेजी से बढ़ी हुई मांग और मूल्य वृद्धि के कारण इसकी मांग बढ़ गई है। साल 2013 में सालाना उत्पादन 3,200 टन था, जो साल 2016 में बढ़कर 5,600 टन हो गया है।
इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए चीनी व्यवसायों को प्रति वर्ष लगभग 48 लाख गधों की खाल की जरूरत होती है। संगठन के अनुसार, चीन में गधे की आबादी 1992 के बाद से 76 फीसद तक गिर गई है। लिहाजा, उद्योग विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हो गया है, जिसमें अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अमेरिका से गधों को चीन में लाया जा रहा है।
ब्राजील में साल 2007 के बाद से गधे की आबादी में 28 फीसद की कमी आई है, जबकि बोत्सवाना में 37 फीसद और किर्गिस्तान में 53 फीसद गधों की आबादी कम हो गई है। इसे देखते हुए डंकी सैंक्चुरी ने बड़े पैमाने पर अनियमित वैश्विक व्यापार को रोकने के लिए तत्काल दबाव डाला है, ताकि देर न हो जाए और कुछ क्षेत्रों में गधे पूरी तरह से खत्म हो जाएं। गधे की आबादी के पतन का प्रभाव उन 500 मिलियन लोगों द्वारा सबसे अधिक उत्सुकता से महसूस किया जाएगा, जो दुनिया के कुछ सबसे गरीब समुदायों में इस जानवर पर निर्भर करते हैं।